सारी गांव से मक्कूमठ को विदा की गई नंदा देवी

रुद्रप्रयाग(आरएनएस)।  नंदा देवी अपने मायके सारी से मक्कूमठ ससुराल को विदा कर दी गई है। इस मौके पर ग्रामीण भावुक हो गए। पूजा-अर्चना के बाद मां को ससुराल विदा किया गया। गुरुवार सुबह गांव में सभी भक्त एकत्रित हुए। जहां नंदा देवी की पूजा-अर्चना की गई। नंदा देवी को खीर का भोग लगाया गया। उसके बाद नंदा देवी को उसके पूजा स्थल मक्कूमठ के लिए वाद्य यंत्रों की धुनों और भक्तों के जयकारों के साथ विदा किया गया। देवी की विदाई में मौजूद धियाणियों, बुजुर्ग औरर महिलाओं ने नंदा देवी का फूल मालाओं, अक्षत चढ़ाकर विदा किया गया। ग्रामीण इस क्षण पर भावुक हो गए। नंदा देवी मूर्ति को एक पोटली में बांध कर पीठ में रखकर गाजे बाजे के साथ मक्कूमठ तक भेजा गया। सारी को नंदा का मायका और मक्कू को ससुराल माना जाता है। जिस तरह एक बेटी को ससुराल के लिए विदाई दी जाती है उसी तरह नंदा देवी को भी ग्रामीणों द्वारा विदाई दी गई। यह परंपरा प्राचीनकाल से चली आ रही है। पूर्व के वर्षों की भांति इस वर्ष भी मक्कूमठ से अष्टमी के पर्व पर भक्तों ने नंदा देवी की मूर्ति को बाहर निकाला। इसके बाद अगले दिन यानि नवमी को मूर्ति कांडा, कांडा से हड्डू, हड्डू से उषाडा, उषाडा से दैडा और यहां से मंगलवार देर शाम को सारी गांव पहुंची। इस मौके पर सरपंच मुरली सिंह, नंदा देवी के पश्वा अंकित नेगी, मेला कमेटी सचिव उपेन्द्र भट्ट, कोषाध्यक्ष गजपाल भट्ट, सह सचिव एवं युमंद अध्यक्ष धर्मेंद्र भट्ट, देवेन्द्र नेगी, हनुमंत सिंह, दिलवर पहाड़ी, नर्मदा देवी, गुड्डी देवी सहित महिलाए, बच्चे, बुजुर्ग, धियाणियां मौजूद थी।


Exit mobile version