सांसद निशंक ने किया कथा संग्रह फागुणी का विमोचन

पहाड़ की परिस्थितियों का जीवंत दस्तावेज है फागुणी: निशंक

देहरादून। पूर्व केंद्रीय शिक्षा मंत्री और हरिद्वार सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने साहित्यकार डॉ. वीरेन्द्र सिंह बर्त्वाल के कथा संग्रह फागुणी का विमोचन किया। केन्द्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के जनकपुरी स्थित मुख्यालय में कार्यक्रम आयोजित हुआ। विमोचन समारोह में डॉ. निशंक ने इस कथा संग्रह को पहाड़ की संस्कृति, भावनाओं और परिस्थितियों का जीवंत दस्तावेज बताते हुए कहा कि इनमें पहाड़ की समस्याओं का रेखांकन है। समाज में व्याप्त अंधविश्वास का तीखा विरोध किया गया है। उन्होंने कहा कि फागुणी कहानी तत्त्वों के आधार पर पूरी तरह खरी उतरती हैं। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. श्री निवास वरखेड़ी ने कहा कि डॉ. बर्त्वाल ने पहाड़ के परिवेश पर आठ कहानियों की रचना कर अपनी मातृभूमि के ऋण से उऋण होने का पुण्य कार्य किया है। डीन अकेडमिक अफेयर प्रो. बनमाली बिश्वाल ने कहा कि हिन्दी कहानी के क्षेत्र में फागुणी कथा संग्रह महत्त्वपूर्ण साबित होगा। लेखक डॉ. वीरेन्द्र सिंह बर्त्वाल ने कहा कि कहानी लेखन उनका पहला प्रयास है, यह हिन्दी साहित्य की दुनिया में किस कदर कसौटी में खरा उतरेगा। इसका असली मूल्यांकन विद्वान और पाठक लोग ही कर पाएंगे। इस अवसर पर कुलसचिव प्रो. रणजित कुमार बर्मन, प्रो. कुलदीप कुमार, डॉ. मधुकेश्वर भट्ट, डॉ. मुरली कृष्णन, अनिल नौटियाल, डॉ. चक्रधर कर, डॉ. अमृता कौर आदि उपस्थित रहे।