
अल्मोड़ा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, अल्मोड़ा द्वारा संघ कार्यालय में पारंपरिक पर्व इगास-बुढ़ी दिवाली धूमधाम से मनाई गई। पर्व में स्वयंसेवकों के साथ बड़ी संख्या में मातृशक्ति, अनुषांगिक संगठनों के कार्यकर्ता और नगरवासी शामिल हुए। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और कुमाऊँनी लोकगीतों के साथ हुआ। इसके बाद वक्ताओं ने लोक संस्कृति के संरक्षण और सामाजिक एकता के महत्व पर विचार रखे। प्रांत सेवा प्रमुख पवन ने कहा कि इगास पर्व पर्वतीय जीवन की परिश्रमी परंपरा और सामूहिक भावना का प्रतीक है, जो हमें अपने पूर्वजों के श्रम और सहयोग की याद दिलाता है। वक्ताओं ने कहा कि पर्वों के माध्यम से समाज में विश्वास, संतुलन और सद्भाव की भावना को मजबूत किया जा सकता है। उन्होंने लोकपर्वों को सामाजिक जुड़ाव और सांस्कृतिक निरंतरता का आधार बताया। अध्यक्षता कर रहे जिला संघचालक किशन गुरुरानी ने कहा कि इगास जैसे पर्व हमारी संस्कृति को जीवंत बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कार्यक्रम में स्वयंसेवकों और कार्यकर्ताओं की सक्रिय भागीदारी रही। समापन पर पारंपरिक व्यंजनों का वितरण किया गया।



