रिश्वत के मामले में दोषी संग्रह अमीन को चार साल के कारावास की सजा, जानें क्या था मामला

देहरादून। देहरादून में रिश्वत के मामले में दोषी संग्रह अमीन को विशेष न्यायाधीश (सतर्कता) देहरादून की अदालत ने चार साल के कारावास की सजा सुनाई। साथ ही दो धाराओं में पांच-पांच हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया। मामला अक्टूबर 2009 का है।
अभियोजन पक्ष के मुताबिक देहरादून में नेशविला रोड निवासी हिमांशु जोशी ने पांच अक्टूबर 2009 को पुलिस अधीक्षक सतर्कता सैक्टर देहरादून को एक शिकायती पत्र दिया था। इसमें बताया गया था कि उनकी पत्नी सुषमा जोशी ने पीएमआरवाई योजना के तहत एसबीआई राजपुर रोड़ देहरादून से वर्ष 2006 में 1,28,000 रुपये का ऋण लिया था। इसकी अदायगी नहीं होने पर बैंक से वसूली के लिए कलक्ट्रेट को लिखा गया। इस पर वसूली के लिए मामला देहरादून तहसील भेजा गया।
आरोप है कि तहसील से सग्रह अमीन प्रेम नारायण मिश्रा वसूली के लिए उनके घर पहुंचा। इस पर सुषमा जोशी ने योजना के तहत ऋण समायोजन पत्र जो बैंक द्वारा कुछ शर्तो पर निर्गत किया गया था, संग्रह अमीन को दिखाया। इसके बाद फिर पांच अक्टूबर को वह घर आया और समझौता पत्र को न मानते हुये 2,000 रुपये की रिश्वत मांगी।
शिकायत पर विजलेंस की टीम तैयार की गई। अगले दिन छह अक्टूबर 2009 को कुर्की की कार्रवाई रोकने के नाम पर जैसे ही संग्रह अमीन ने दो हजार रुपये की रिश्वत ली, उसे टीम ने रंगे हाथ पकड़ लिया। साथ ही उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था। इस मामले मे विशेष न्यायाधीश (सतर्कता) देहरादून ने आज प्रेमनारायण मिश्रा को दोषी पाते हुए भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 के आरोप में 03 वर्ष की कारावास व 5000 रुपये अर्थदंड, तथा धारा 13 (1)(डी) सपठित धारा 13(2) के आरोप में चार वर्ष की कारावास एवं 5000 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। निर्णय पर निदेशक सतर्कता महोदय द्वारा सतर्कता पुलिस टीम को उत्साह वर्धन के लिए नगद पुरस्कार देने की घोषणा की।