रिफ्रेशर कोर्स में प्राध्यापकों ने जानीं एकेडेमिक राइटिंग की बारीकियां

अल्मोड़ा। अखिल भारतीय स्तर की विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों के प्राध्यापकों के लिए आयोजित रिसर्च मैथोडोलाॅजी कैरिकुलम कोर्स जारी है। जिसमें देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों के संदर्भ दाताओं द्वारा रिसर्च पर क्षेत्र विशेष में अपने-अपने अनुभवों को साझा किया जा रहा है। कोर्स के द्वारा प्राध्यापकों को आॅनलाईन माध्यम से ज्ञान एवं क्षमता-कौशल विकास हेतु रिसर्च की बारीकियों के बारे में जानकारी प्रदान की जा रही है। 
 

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के ह्यूमन रिसोर्स डेवलेपमेंट सेंटर (एचआरडीसी) की ओर से आयोजित रिसर्च मैथोडालाॅजी कैरिकुलम रिफ्रेशर कोर्स में देश भर के विभिन्न विश्वविद्यालयों के प्राध्यापकों को रिसर्च प्रोसेस की बारीकियां बताई जा रही है। कुमाऊॅ विवि के शिक्षा संकाय के तत्वावधान में आयोजित बारह दिवसीय रिफ्रेशर कोर्स के दसवें दिन रोहेलखंड विवि के अंग्रेजी विभागाध्यक्ष प्रो आशा चैबे ने एकेडेमिक राइटिंग विषय पर अपना व्याख्यान दिया। उन्होंने कहा कि शोध कार्य एक सिस्टमैटिक प्रोसेस है। इसलिए इसमें समाहित की गई विषयवस्तु में स्पष्टता व तथ्यों की सत्यता आवश्यकता होती है। शोधकर्ता को अपने विचारों को लेखनीबद्ध करता है। इस अवसर पर उन्होंने पाॅलिटिक्स सोशल रिसर्च की ओर भी ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने कहा कि रिसर्च रिजल्ट सार्वजनिक होते है। सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक आदि पक्षों हेतूु नीति निर्माण में सहायक होते है। अतः कभी कभी राजनीतिक हलचल का कारण भी बन जाते हैं अतः लेखन में इनत थ्यों का विशेष ध्यान देना चाहिए। वहीं, हेमवंती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विवि की फैकल्टी डेवलेपमेंट की समन्वयक प्रो इंदु पांडे की ओर से विभिन्न शोध प्रपत्रों के प्रस्तुतीकरण का अवलोकन किया गया। उन्होंने शोधार्थियों को प्रस्तुतीकरण की विधा, तकनीकी आयाम, शोध पत्र लेखन की कला, शोध के बहुआयामी महत्व की ओर ध्यान आकर्षित किया। शोध पत्र 28 प्राध्यापकों द्वारा प्रस्तुत किये गये। इस मौके पर असोम, केरल, महाराष्ट्र, झारखंड, पंजाब, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश एवं आंध्रप्रदेश आदि विवि के प्राध्यापकों को रिसर्च मैथोडोलाॅजी के बारे में जानकारी प्रदान की जा रही है। कोर्स का संचालन कुमाऊॅ विवि के शिक्षा संकायाध्यक्ष एवं वरिष्ठ शिक्षाविद् प्रो विजयारानी ढ़ौडियाल द्वारा किया गया। साथ ही एचआरडीसी के निदेशक प्रो वीएल साह, उपनिदेशक प्रो दिव्या जोशी, सहायक निदेशक डाॅ रीतेश साह के द्वारा कोर्स का नियमित तौर पर सतत् मूल्यांकन एवं अनुश्रवण किया जा रहा है।


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