राज्यपाल ने युवा महिला वैज्ञानिक कॉन्क्लेव में किया प्रतिभाग

देहरादून। राज्यपाल लेफ़्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने उत्तराखण्ड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केन्द्र(यूसर्क) द्वारा आईआरडीटी सभागार में आयोजित युवा महिला वैज्ञानिक कॉन्क्लेव में प्रतिभाग करते हुए वैज्ञानिक अभिरूचि विकसित करने की दिशा में उत्कृष्ट कार्य करने वाली 06 महिला वैज्ञानिकों को सम्मानित किया। इस कार्यक्रम में उन्होंने यूसर्क द्वारा प्रकाशित पुस्तकों Block Chain: A Beginner’s Manual  एवं Endurance Strategies in Changing Climate का भी विमोचन किया। राज्यपाल ने इस दौरान कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग(कोर) रूड़की के सहयोग से बनाये गए मोबाइल एप्लिकेशन ‘‘डिजास्टर मैनेंजमेंट फॉर चारधाम यात्रा’’ और ‘‘क्राइम कंट्रोल फॉर वूमैन सिक्योरिटी’’ का लोकार्पण किया।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि आज यह कॉन्क्लेव कई मायनों में अलग है, जिसमें टेक्नोलॉजी, महिला शक्ति और युवा शक्ति का अद्भुत मिश्रण है। उन्होंने कहा कि इन तीनों के बल पर भारत विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने कहा कि परिवर्तन की यदि कोई क्रांति आएगी तो उसका नेतृत्व हमारी महिला शक्ति के द्वारा ही किया जायेगा।  राज्यपाल ने सम्मानित होने वाली महिलाओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह बेहद खुशी की बात है कि हमारी मातृशक्ति और बेटियां हर क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में महिलाओं द्वारा विज्ञान के प्रसार में अतुलनीय योगदान दिया जा रहा है। शिक्षा, रोजगार, विज्ञान, तकनीकी और कौशल विकास सहित विभिन्न क्षेत्रों में बेटियां आगे बढ़ रही हैं और उनकी उपलब्धियां प्रभावशाली और प्रेरणादायी हैं। विशेषकर उत्तराखण्ड की महिलाएं अपने आप में अलग हैं, उनकी क्षमता अलग ही स्तर की है।
राज्यपाल ने कहा कि भारत के वैज्ञानिक उन्नत बुद्धिमता से परिपूर्ण हैं जिस प्रकार हमने कोविड के टीके की खोज और उसके वितरण का मैनेजमेंट के अलावा आपदा से मुकाबला किया है, इससे भारत की प्रतिबद्धता स्पष्ट दिखाई देती है। उन्होंने कहा कि विज्ञान के इस युग में हमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, तकनीकी, वर्चुअल रियलिटी सहित अन्य क्षेत्रों में हमें अपने आप को साबित करना होगा। उन्होंने कहा कि इस कॉन्क्लेव में महिला वैज्ञानिकों को सम्मानित करने का  सराहनीय कार्य किया गया है इससे हमारी बेटियों को एक नई स्फूर्ति मिलेगी।
राज्यपाल ने कहा कि महिला सशक्तीकरण एवं स्वरोजगार की दिशा में आ रही कठिनाईयों को विज्ञान एवं तकनीकी के माध्यम से दूर करते हुए, सामाजिक सहभागिता बढ़ाकर समावेशी विकास किया जा सकता है। इस दिशा में यूसर्क महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। उन्होंने यूसर्क के विभिन्न नवाचारी कार्यक्रमों में पर्यावरणीय वैज्ञानिक गतिविधियों की प्रशंसा करते हुए युवाओं को इन कार्यक्रमों से लाभान्वित होने का आह्वान किया। इस दौरान उन्होंने परिसर में लगी प्रदर्शनी का अवलोकन कर छात्राओं से संवाद किया।
कार्यक्रम के प्रारंभ में यूसर्क की निदेशक प्रो0 (डा0) अनीता रावत ने अतिथियों का स्वागत करते हुए युवा महिला वैज्ञानिक कॉन्क्लेव के आयोजन सम्बन्धी भूमिका के बारे में विस्तार से बताया। प्रो0 रावत ने कहा कि सतत् विकास लक्ष्य 2030 की अवधारणा को महिलाओं की भागीदारी एवं योगदान के बिना धरातल पर उतारना सम्भव नहीं है। इस सोच के तहत यूसर्क द्वारा वैज्ञानिक अभिरुचि विकसित करने की दिशा में युवा महिला वैज्ञानिकों को “Young Women Scientist Excellence Award”  एवं “Young Women Achievement Award” से सम्मानित किया जा रहा है।
कार्यक्रम के सम्मानित अतिथि इंजीनियरिंग एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, रूड़की के कुलाधिपति जे0सी0 जैन ने कहा कि आज का युग विज्ञान का युग है जिसमें विज्ञान, शिक्षा के साथ-साथ अनुसंधान सम्बन्धी कार्यों में विभिन्न तकनीकियों का प्रयोग आवश्यक हो गया है। इन सभी क्षेत्रों में प्रदेश और देश की महिलायें निरन्तर योगदान दे रहीं है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को प्रोत्साहित करने में विभिन्न वैज्ञानिक गतिविधियों के माध्यम से यूसर्क द्वारा निरन्तर सराहनीय कार्य किया जा रहा है।
कार्यक्रम का संचालन वैज्ञानिक डा0 ओम प्रकाश नौटियाल एवं धन्यवाद ज्ञापन डा0 मन्जू सुन्दरियाल द्वारा किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से डा0 भवतोष शर्मा, डा0 राजेन्द्र राणा, ई0 उमेश चन्द्र, ओम जोशी, राजदीप जंग, हरीश प्रसाद ममगांई, शिवानी पोखरियाल, रमेश रावत आदि ने सक्रिय सहयोग प्रदान किया। कार्यक्रम में उत्तराखण्ड के विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, शिक्षण संस्थानों के प्राचार्य एवं शिक्षक शिक्षिकाएं सहित अन्य लोगों ने प्रतिभाग किया।

Powered by myUpchar

error: Share this page as it is...!!!!