राज्य में मूल निवासियों के अधिकारों पर हो रहा कुठाराघात नहीं किया जाएगा बर्दाश्त

अल्मोड़ा। आंदोलनकारी पहाड़ी आर्मी संगठन के संस्थापक अध्यक्ष हरीश रावत ने कहा कि मूल निवास स्वाभिमान आंदोलन अब राज्य आन्दोलन की तरह पर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा इस राज्य में मूल निवासियों के अधिकारों पर हो रहा कुठाराघात बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मूल निवास प्रमाण पत्र की व्यवस्था समाप्त कर स्थाई निवास की व्यवस्था से कुमाऊं रेजिमेंट और गढ़वाल रेजिमेंट में हमारे युवाओं के फौजी बनने का सपना धूमिल हो गया है। उन्होंने मांग है कि समूह ग, समूह घ की भर्ती 100 प्रतिशत मूल निवासियों के लिए आरक्षित की जाय और सरकारी परियोजनाओं में मूल निवासियों को प्राथमिकता दी जाय।
उन्होंने कहा की राज्य आंदोलन से ही उत्तराखण्ड के जल, जंगल, जमीनों पर मूल निवासियों के अधिकारों की बात होती थी, परंतु यह इस राज्य का दुर्भाग्य रहा कि राज्य बनने के 23 साल बाद भी राज्य का मूल निवासी अपने ही राज्य में दूसरे दर्जे का नागरिक बनने की कगार में है। हरीश रावत ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य का मूल निवासी अपने अधिकारों को लेकर सजग हो चुका है और जब तक वह अपने अधिकारों को नहीं लेगा तब वह किसी भी हालत में चुप नही बैठेंगे।

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