राज्य कर कर्मियों ने उठाई तबादला एक्ट से बाहर करने की मांग

देहरादून। राज्य कर मिनिस्टीरियल स्टाफ एसोसिएशन ने राज्य कर विभाग को तबादला एक्ट से बाहर कर पुरानी व्यवस्था लागू करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि तबादला एक्ट की वजह से विभाग में कर्मचारियों के तबादलों की प्रक्रिया पटरी से उतर गई है। राज्य कर मिनिस्टीरियल स्टाफ एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मंगलवार को सचिव वित्त को ज्ञापन भेजकर विभाग को तबादला एक्ट से बाहर करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि विभाग का कोई भी संभागीय व मंडल कार्यालय दुर्गम में नहीं है जिस वजह से कर्मचारियों के सुगम दुर्गम ट्रांसफर की समस्या खड़ी हो गई है। उन्होंने विभाग में तबादलों के लिए तय की गई पुरानी व्यवस्था को फिर से लागू करने की मांग उठाई। संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि पूर्व में एक कर्मचारी सेक्टर कार्यालय में अधिकतम पांच साल और प्रशासनिक कार्यालय में अधिकतम तीन साल की ही सेवा कर सकता था। उसके बाद कर्मचारी का स्वत: ही तबादला हो जाता था। लेकिन अब सुगम और दुर्गम की व्यवस्था की वजह से तबादले की प्रक्रिया ही अटक गई है। जबकि इसका सीधा प्रभाव कर्मचारियों के प्रमोशन पर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि इसका सीधा असर कर्मचारियों के कामकाज पर भी पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2022-23 में विभाग में तबादला सत्र शून्य होने से भी परेशानी खड़ी हुई और एक भी जरूरतमंद कर्मचारी का तबादला नहीं हो पाया। इसके साथ ही एसोसिएशन ने मिनिस्ट्रीयल कर्मचारियों 50 प्रतिशत कोटे के तहत राज्य कर अधिकारियों के पदों पर प्रमोशन की प्रक्रिया में देरी पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा सरकार के आदेश के बावजूद इस प्रक्रिया को समय से पूरा नहीं किया जा रहा है। उन्होंने इसके लिए नियमावली में बदलाव की मांग की। ज्ञापन भेजने वालों में प्रदेश अध्यक्ष जगमोहन सिंह नेगी, महामंत्री राकेश चंद्र जखमोला, वरिष्ठ उपाध्यक्ष देवेंद्र सिंह, कैलाश चंद्र जोशी, आरेंद्र पाल, उमादत्त जुगराण, शेखर सिंह आदि शामिल रहे।

Powered by myUpchar

error: Share this page as it is...!!!!
Exit mobile version