रघुनाथ कीर्ति परिसर में महिलाओं की स्थिति की समीक्षा की

स्त्री और पुरुष एक सिक्के के दो पहलू: रक्षा
नई टिहरी(आरएनएस)। रघुनाथ कीर्ति परिसर में महिला शक्ति को समर्पित सप्ताह के समापन पर भारत में प्राचीन से लेकर वर्तमान तक महिलाओं की स्थिति की समीक्षा की गई। महिलाओं की स्थिति पर वक्ताओं ने कहा कि भारत में प्राचीन काल से ही नारी पूजनीय रही है, किंतु आततायियों से नारी की रक्षा के नाम पर यहां सती प्रथा व बालविवाह जैसी कुरीतियां पनपीं। केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय श्री रघुनाथ कीर्ति परिसर में महिला शक्ति सप्ताह का आरंभ 8 मार्च को महिला दिवस पर पर्वतारोही व केंद्रीय संस्कृत विवि की ब्रांड एम्बेसडर पद्मश्री संतोष यादव द्वारा किया गया था। समापन समारोह की मुख्य अतिथि प्रभारी चिकित्साधिकारी सीएचसी हिंडोलाखाल डॉ रक्षा रतूड़ी ने कहा कि भारत में महिला-पुरुष समानता के नाम पर नारीवादी सोच समाज के लिए घातक है। सच यह है कि स्त्री और पुरुष दोनों एक सिक्के को दो पहलू हैं, दोनों इस सृष्टि और समाज के लिए बराबर महत्त्वपूर्ण हैं। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण सही मायनों में महिला की आत्मनिर्भरता और सर्वांगीण विकास में है। डॉ राधा ने कहा कि आज समाज में तलाक की घटनाओं का बढ़ना चिंताजनक है। तलाक महिला-पुरुष के सुकून को ही नहीं छीनता, बल्कि उनके बच्चों के जीवन को भी नारकीय बनाता है। इस पर जागरूकता की जरूरत है। कार्यक्रम अध्यक्ष परिसर निदेशक प्रो पीवीबी सुब्रह्मण्यम ने कहा कि जिस दिन समाज में पूर्ण रूप से महिला-पुरुष में समानता हो जाएगी। उस दिन समाज में हर तरह का भेदभाव समाप्त हो जाएगा। उन्होंने कहा कि हर कार्य में स्त्री की भूमिका सदा प्रमुख बनी रहेगी।
डॉ वीरेंद्र सिंह बर्त्वाल ने पलायन से जुड़ी गढ़वाली कविता का पाठ किया। वहीं डॉ श्रीओम शर्मा ने सनातनी मूल्यों की रक्षा का आह्वान किया। जबकि छात्रा ममता सुयाल, गीतांजलि पंत, छात्र अभिषेक पाठक, अभिषेक गौड़ आदि ने नारी सशक्तिकरण की रचनाएं प्रस्तुत कीं। इस अवसर पर परिसर की ‘उत्तमा’ पत्रिका का विमोचन भी किया गया। इस अवसर पर सह निदेशिका प्रो चौद्रकला आर कोंडी, डॉ शैलेन्द्र नारायण कोटियाल, डॉ सुशील प्रसाद बडोनी, अंकुर वत्स, डॉ जनार्दन सुवेदी, डॉ सुमिति सैनी, डॉ सुमन रावत, डॉ रश्मिता, डॉ अनिल कुमार, डॉ अमंद मिश्र, डॉ दीपक कोठारी, डॉ दीपक पालीवाल ,रजत गौतम छेत्री, डॉ रवींद्र उनियाल, डॉ अरविन्द सिंह गौर, पंकज कोटियाल, किशोरी राधे, डॉ ब्रह्मानंद मिश्र आदि मौजूद रहे।