प्राइवेट लैब की जांच में मिल रहे एंटीबॉडी तो सरकारी लैब की जांच में नदारद
हल्द्वानी। सुशीला तिवारी अस्पताल के ब्लड बैंक में प्लाज्मा थेरेपी के लिए प्लाज्मा डोनेट करने आ रहे लोगों का टेस्ट करने पर एंडी बॉडी नहीं मिल रहे हैं। जबकि प्राइवेट लैब में जांच कराने पर यह एंटी बॉडी मिल रहे हैं। इसके चलते प्लाज्मा डोनेट करने आ रहे कई लोग एसटीएच के ब्लड बैंक से वापस लौट रहे हैं। कुमाऊं के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल सुशीला तिवारी हॉस्पिटल में इस समय कोविड 19 संक्रमण के करीब 400 मरीज भर्ती हैं। इसके अलावा शहर के 10 से ज्यादा अस्पतालों में भी 500 से ज्यादा कोरोना मरीज भर्ती हैं। इन मरीजों में कई को डॉक्टर प्लाज्मा थेरेपी की राय दे रहे हैं। उनके तीमारदार ऐड़ी-चोटी का जोर लगाकर ऐसे लोगों को ढूंढ रहे हैं, जो कोरोना से रिकवर हो चुके हैं और जिनका ब्लड ग्रुप उनके मरीज से मिलता हो। काफी कोशिशों के बाद जब इस तरह का मरीज का संपर्क नंबर उन्हें मिल भी रहा है, तो वह उससे बार-बार अनुरोध कर उसे एसटीएच के ब्लड बैंक ला रहे हैं। यहां कार्ड से उनका एंडी बॉडी चेक हो रहा है, जिसमें से औसतन 25 में से 5-6 लोगों में ही एंटी बॉडी मिल रहे हैं। जबकि प्राइवेट लैब में जांच कराने पर अच्छी संख्या में लोगों में एंटी बॉडी पाये जा रहे हैं। इसके चलते डोनर, तीमारदार और मरीज तीनों परेशान हो रहे हैं।
टेक्नीशियन की कमी को लेकर राजकीय मेडिकल कॉलेज प्रशासन को 10 से ज्यादा बार पत्र लिखा जा चुका है और ब्लड बैंक की लैब में टेक्नीशियन की भर्ती का अनुरोध किया जा चुका है। इसके अलावा एंटी बॉडी का पीक लेवल जानने के लिए कार्ड टेस्ट सबसे बेहतर है। पीक लेवल का एंटी बॉडी जरूरतमंद मरीजों के हित में भी है। -डॉ.सलोनी उपाध्याय, ब्लड बैंक प्रभारी, सुशीला तिवारी हॉस्पिटल, हल्द्वानी।
सभी बड़े अस्पतालों में एंटी बॉडी की जांच कार्ड के बजाय पैथोलॉजी लैब में हो रही है, जो ज्यादा प्रमाणिक है। ऐसा ही एसटीएच के ब्लड बैंक में भी होना चाहिए, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को एंटी बॉडी प्लाज्मा मिल सके। इसके अलावा ब्लड बैंक में टेक्नीशियन की संख्या बढ़ाने के साथ ही मशीनों की संख्या भी बढ़ायी जाए। -शैलेन्द्र दानू, सामाजिक कार्यकर्ता, वंदेमातरम ग्रुप, हल्द्वानी