प्रमोशन में जूनियर इंजीनियर संवर्ग की न हो अनदेखी

देहरादून(आरएनएस)। उत्तराखंड पावर जूनियर इंजीनियर्स एसोसिएशन ने अधिशासी अभियंता के खाली पदों पर जूनियर इंजीनियर संवर्ग के हितों को सुरक्षित रखने की मांग की। सहायक अभियंता पद पर वरिष्ठता निर्धारण के साथ अधिशासी अभियंता के खाली 40 पदों पर हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी प्रमोशन न होने पर नाराजगी जताई। जल्द हाईकोर्ट के आदेश लागू न होने पर प्रदेश स्तर पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी। एसोसिएशन के संरक्षक गुणानंद कोठियाल ने कहा कि यूपीसीएल में जेई संवर्ग के साथ अन्याय हो रहा है। ईई के पदों पर नौ साल पहले प्रमोशन होने थे। प्रमोशन के इंतजाम में कई इंजीनियर रिटायर हो चुके हैं। इसका उन्हें आर्थिक नुकसान हो रहा है। हाईकोर्ट ने भी यूपीसीएल मैनेजमेंट को तत्काल नियमों के अनुसार वरिष्ठता निर्धारण के साथ प्रमोशन सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए हैं। इसके बाद भी प्रमोशन प्रक्रिया को उलझाया जा रहा है। कहा कि 30 जून 2009 में पदोन्नत हुए सहायक अभियंताओं को ईई पद पर प्रमोशन दिया जाना है। सवाल उठाते हुए कहा कि सीधी भर्ती के जिन एई ने जनवरी 2010 में यूपीसीएल में ज्वाइनिंग दी, उन्हें नौकरी में आने से पहले ही 2009 की वरिष्ठता कैसे दी जा सकती है। कहा कि हाईकोर्ट वरिष्ठता निर्धारण और प्रमोशन पर स्पष्ट आदेश कर चुका है। इसके बावजूद मामले को उलझाने को शासन स्तर पर कमेटी बनाई गई है। ये सीधे तौर पर जूनियर इंजीनियर्स संवर्ग का उत्पीड़न है। कहा कि नए जूनियर इंजीनियरों को रियायती बिजली के रूप में मिलने वाले टैरिफ का लाभ नहीं दिया जा रहा है। जबकि पुराने सभी कर्मचारी, पेंशनर्स को ये लाभ दिया जा रहा है। जल्द इस भेदभाव को समाप्त किया जाए। कहा कि राज्य में पुराने अधियाचन, भर्ती प्रस्ताव, विज्ञप्ति के आधार पर 2005 के बाद नियुक्त हुए कर्मचारियों को भी पुरानी पेंशन का लाभ दिया जा रहा है। वहीं यूपीसीएल में सितंबर 2005 तक नियुक्त हुए कर्मचारियों को भी पुरानी पेंशन, जीपीएफ सुविधा का लाभ नहीं दिया जा रहा है। जल्द एक समान व्यवस्था लागू की जाए।