प्रवेश रद्द कराने की स्थिति में कॉलेजों को छात्रों की फीस लौटानी होगी

देहरादून। स्नातक एवं स्नातकोत्तर प्रथम वर्ष में दाखिला लेने के बाद कोर्स ज्वाइन नहीं करने या प्रवेश रद्द कराने की स्थिति में कॉलेजों को छात्रों की फीस लौटानी होगी। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सचिव प्रो. रजनीश जैन ने इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं। ऐसा न करने वाले संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी गई है।
कोरोना काल में उपजे हालातों से सब कुछ अस्त-व्यस्त हो गया है। कई लोगों की नौकरी छूट गई है। ऐसे में लोगों की आर्थिक स्थिति बुरी तरह प्रभावित हुई। परिस्थितिवश कई कई छात्र ऐसे हैं, जो स्नातक या स्नातकोत्तर में दाखिला लेने के बाद कोर्स ज्वाइन नहीं कर पाए हैं या उन्होंने प्रवेश ही रद करवा लिया है। अब उनको फीस वापस लेनी है, लेकिन कई संस्थान पैसा वापस करने में नियमों की दुहाई दे रहे हैं। इसमें अधिकांश मोटी फीस वसूलने वाले निजी संस्थान हैं। यूजीसी सचिव प्रो. रजनीश जैन की ओर से जारी पत्र में साफ तौर से लिखा गया है कि आयोग को इस संबंध में शिकायतें मिली हैं। इसे देखते हुए आयोग ने 30 नवंबर से पहले के ऐसे मामलों में पूरी फीस लौटाने के आदेश दिए हैं। आदेशों का पालन करने के संबंध में सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को पत्र भेजा गया है। यूजीसी के आदेशों से ऐसे छात्रों को बहुत बड़ी राहत मिलेगी

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