प्रदेश में उद्योग लगाने को अब 15 दिनों के भीतर जारी होगी स्वीकृतियां
देहरादून। राज्य में अब उद्योग लगाने के लिए आने वाले निवेशकों को अनुमति देने का कार्य और तेजी से किया जाएगा। सरकार का प्रयास है कि उद्योग लगाने वालों को 15 दिन के भीतर ही सारे अनापत्ति प्रमाण पत्र के साथ ही लाइसेंस भी जारी कर दिया जाए। राज्य के आर्थिक विकास में उद्योगों का महत्वपूर्ण योगदान है। प्रदेश सरकार की मंशा औद्योगिक विकास के साथ ही स्थानीय निवासियों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना भी है। पिछले कुछ वर्षों में औद्योगिक निवेश के क्षेत्र में काफी काम हुआ है। इस समय राज्य के कुल सकल घरेलू उत्पाद, यानी जीएसडीपी में इसका योगदान 45 फीसद से अधिक है। इसमें भी मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का योगदान 35 फीसद के आसपास है। कोरोना काल से पहले उत्तराखंड में कुल 4131 उद्योग लगे थे, जिनमें 1731.15 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश हुआ और 28700 व्यक्तियों को रोजगार मिला। बीते वर्ष कोरोना के कारण यह संख्या काफी कम रही। इस अवधि में केवल 3131 उद्योग लगे। इनमें भी अधिक संख्या सूक्ष्म उद्योग थे। इनमें 635.47 करोड़ रुपये का पूंजीनिवेश हुआ और 15846 व्यक्तियों को रोजगार मिला। प्रदेश में उद्योग लगाने के लिए निवेशकों को आकर्षित करने के उददेश्य से प्रदेश सरकार ने कई योजनाएं भी चलाई हैं। इसमें एमएसएमई नीति, महिला उद्यमी विशेष प्रोत्साहन योजना, पूंजीगत उपादान सहायता योजना आदि शामिल हैं। वर्ष 2018 में प्रदेश सरकार ने देहरादून में निवेशक सम्मेलन का आयोजन किया। इसके साथ ही उत्तराखंड को स्प्रिचुअल इकोनोमिक जोन के रूप में विकसित करने की दिशा में भी जोर दिया जा रहा है। उद्योगों को लगाने के लिए सिंगल विंडो सिस्टम के जरिये सारी स्वीकृतियां दी जा रही हैं। अब कोरोना के बाद औद्योगिक गतिविधियां शुरू हो चुकी। हैं ऐसे में प्रदेश सरकार निवेशकों को उद्योग लगाने में और अधिक सहूलियत देने की तैयारी कर रही है।
औद्योगिक विकास मंत्री गणेश जोशी का कहना है कि अभी यह बात देखने में आई है कि उद्योग लगाने के लिए आने वाले निवेशकों को स्वीकृति के लिए दो से तीन माह का इंतजार करना पड़ रहा है। इसे देखते हुए निर्देश दिए गए हैं कि व्यवस्था ऐसी बनाई जाए कि लाइसेंस सहित सारी स्वीकृतियां 15 दिनों के भीतर जारी कर दी जाएं। इससे प्रदेश में और बेहतर औद्योगिक माहौल भी बनेगा।