प्रदेश में पंजीकृत सभी सीएससी पूरी तरह नहीं हो पाए कार्यशील

पंजीकृत 12317 सीएससी के सापेक्ष 8858 ही कार्यशील

देहरादून। उत्तराखंड में केंद्र व प्रदेश सरकार की विभिन्न सेवाओं को इस समय कामन सर्विस सेंटर (सीएससी) के माध्यम से संचालित किया जा रहा है। ये सर्विस सेंटर स्थानीय निवासियों द्वारा ही संचालित किए जा रहे हैं। हालांकि, प्रदेश में पंजीकृत सभी सीएससी पूरी तरह कार्यशील नहीं हो पाए हैं। प्रदेश में पंजीकृत 12317 सीएससी के सापेक्ष 8858 ही कार्यशील हैं। प्रदेश में इस समय नागरिकों को ई-डिस्ट्रिक्ट योजना के साथ केंद्र की अन्य योजनाओं की सुविधा सीएससी के जरिये दी जा रही है। इन सेवाओं में बैंकिंग सेवाएं, शिक्षण संबंधित सेवाएं, चिकित्सा सेवाएं, बीमा सेवाएं, कौशल विकास, रोजगार आवेदन, प्रशिक्षण कोर्स, ट्रेवल बुकिंग, प्रधान जन आरोग्य के अंतर्गत गोल्डन कार्ड बनाना, प्रधानमंत्री श्रम योगी मानधन योजना के लिए पंजीकरण सुविधा, प्रधानमंत्री किसान मानधन को पंजीकरण सुविधा, प्रधानमंत्री किसान निधि को पंजीकरण, स्वरोजगार एवं छोटे व्यापारियों के लिए राष्ट्रीय पेंशन स्कीम के तहत पंजीकरण सुविधा व आर्थिक गणना आदि शामिल हैं। इतना ही नहीं,, इन्हीं सीएससी के जरिये ग्रामीण उद्यामियों को प्रधानमंत्री डिजिटल साक्षरता अभियान में पांच लाख से अधिक को साक्षर करने का लक्ष्य रखा गया है। साथ ही ई-मेल संचालन, डिजिटल लेन देन व डिजिटल सेवाएं प्रदान करने वाले उपकरणों के संचालन को प्रशिक्षित किया जाना है।

प्रदेश सरकार का मकसद सीएससी के जरिये स्थानीय पढ़े लिखे लोगों को रोजगार देना भी है। इसके लिए इन्हें सीएससी खोलने के लिए प्रेरित भी किया गया। शुरुआत में इसके पंजीकरण तेजी से हुए लेकिन उपकरणों और अनुभव की कमी को देखते हुए सभी पंजीकृत सीएससी कार्यशील नहीं हो पाए हैं।
सचिव सूचना प्रौद्योगिकी आरके सुधांशु का कहना है कि जल्द ही सीएससी पंजीकृत करने वाले से संपर्क साध कर इनके कार्यशील न हो पाने के कारण जाने जाएंगे। ऐसा लगेगा कि इन्हें सहयोग की जरूरत है तो इस दिशा में भी कदम उठाए जाएंगे।