प्रदेश की पहली ग्रीन बिल्डिंग निर्माण को लेकर जिला प्रशासन ने की कवायद तेज

अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व)की अध्यक्षता में बैठक आयोजित

देहरादून। प्रदेश की पहली ग्रीन बिल्डिंग के लंबे समय से अधर में लटके निर्माण को लेकर जिला प्रशासन ने कवायद तेज कर दी है। इस बात का आकलन किया जाएगा कि लागत के लिहाज से कलेक्ट्रेट परिसर की जमीन मुफीद रहेगी या रोडवेज वर्कशाप की भूमि अधिक उपयुक्त होगी। इसको लेकर कार्यदायी संस्था सीपीडब्ल्यूडी (केंद्रीय लोनिवि), प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंपनी (पीएमसी) व परिवहन निगम से मंगलवार तक रिपोर्ट तलब की गई है।  ग्रीन बिल्डिंग के निर्माण में जमीन के पेच को हल करने के लिए अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) केके मिश्रा की अध्यक्षता में बैठक आयोजित की गई। जिसमें चर्चा की गई कि यदि रोडवेज वर्कशाप की जमीन पर ग्रीन बिल्डिंग का निर्माण किया जाता है तो कुल कितनी लागत आएगी। यदि कलेक्ट्रेट परिसर की जमीन पर ही बिल्डिंग का निर्माण किया जाता है तो लागत क्या रहेगी। दोनों ही विकल्प पर बजट व अन्य स्थिति का आकलन किया गया। क्योंकि कलेक्ट्रेट परिसर में करीब 39 भवनों का ध्वस्तीकरण करना पड़ेगा। इसमें भी खर्च आएगा और फिर कलेक्ट्रेट के विभिन्न राजस्व न्यायालयों के लिए पुरानी तहसील परिसर में पोटा केबिन भी बनाने पड़ेंगे। लिहाजा, इन सब कार्य में निर्माण से इतर आने वाले खर्च के आकलन का निर्णय लिया गया। दूसरी तरफ रोडवेज वर्कशाप की जमीन के विकल्प पर आगे बढऩे के लिए सबसे पहले जमीन के मूल्य के रूप में सर्किल रेट के डबल का भुगतान करना पड़ेगा। इसमें करीब 100 करोड़ रुपये के खर्च का अनुमान है। वहीं, परिवहन निगम यह भी चाह रहा है कि ग्रीन बिल्डिंग में उन्हें एक फ्लोर दिया जाए।
ऐसे में एक फ्लोर की लागत के रूप में 100 करोड़ रुपये की राशि में कितनी कमी आ पाएगा, इसका भी आकलन किया जाना है। अपर जिलाधिकारी केके मिश्रा के मुताबिक, मंगलवार तक दोनों विकल्प में लागत की रिपोर्ट प्राप्त हो जाएगी। इसके बाद बुधवार तक रिपोर्ट को जिलाधिकारी/सीईओ स्मार्ट सिटी डा। आर राजेश कुमार के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा। ताकि किसी एक विकल्प पर आगे बढऩे का प्रस्ताव स्मार्ट सिटी बोर्ड से पास कराकर शासन को भेजा जा सके।
इसके तुरंत बाद ग्रीन बिल्डिंग का निर्माण शुरू करा दिया जाएगा। क्योंकि निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया पहले ही पूरी कर कंपनी का चयन भी किया जा चुका है। बैठक में परिवहन निगम के महाप्रबंधक दीपक जैन समेत सीपीडब्ल्यूडी व पीएमसी के अधिकारी उपस्थित रहे।


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