प्रदेश के 9 हजार से ज्यादा राशन विक्रेता 7 फरवरी से हड़ताल पर

देहरादून। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना (एनएफएसए) के तहत बांटे जाने वाले मुफ्त राशन के लिए लाभांश तय न होने से नाराज राशन विक्रेता सात फरवरी से तीन दिन की हड़ताल करेंगे। इन तीन दिन तक न तो गोदामों से राशन उठाया जाएगा और न ही वितरण किया जाएगा। राशन विक्रेता अपने लैपटाप और पोस मशीनों को भी बंद रखेंगे।
ऑल इंडिया फेयर प्राइस शॉप डीलर्स फेडरेशन के आह्वान पर पूरे में तीन दिन तक यह हड़ताल रहेगी। राष्ट्रीय नेतृत्व के निर्देश पर उत्तराखंड के राशन विक्रेताओं ने भी हड़ताल की तैयारी शुरू कर दी। रविवार को मीडिया से बातचीत में फेडरेशन के राष्ट्रीय सहायक सचिव और उत्तराखंड के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष रेवाधर बृजवासी ने बताया कि केंद्र सरकार ने एक जनवरी 2023 से एक साल के लिए एनएफएसए के तहत सभी लाभार्थियों को मुफ्त राशन देने का निर्णय किया है। लेकिन इस राशन के वितरण के लिए विक्रेताओं के लाभांश के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया। पहले राशन विक्रेता गोदाम से राशन लेते वक्त प्रति कुंतल अपना लाभांश काटकर धन अदा करते थे। इससे विक्रेता का लाभांश तत्काल मिल जाता था। इस बार कुछ स्पष्ट नहीं है। मालूम होकि सरकार प्रति कुंतल अनाज पर 180 रुपये लाभांश के रूप में देती है।
इसके साथ ही डोर स्टेप डिलीवरी, राशन में घटतोली, मानदेय, राशन में छीजन की समस्या, इंटरनेट रिचार्ज समेत कई और समस्याएं भी है। इनकी ओर सरकारें ध्यान नहीं दे रही हैं। हड़ताल के बाद 22 मार्च को दिल्ली में संसद का घिराव करने का भी कार्यक्रम है। बृजवासी ने बताया कि आंदोलन के बाद खाद्य आयुक्त कार्यालय को सूचना दे दी गई है। राज्य के नौ हजार से ज्यादा सभी राशन डीलर को सात से नौ फरवरी तक के आंदोलन के बाबत निर्देश जारी कर दिए गए हैं।

खाद्य मंत्री बोलीं, सरकार कर रही है व्यवस्था
प्रदेश की खाद्य मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि केंद्र सरकार ने एफएफएसए, अंत्योदय कार्ड धारकों को एक साल तक मुफ्त अनाज देने का ऐतिहासिक निर्णय किया है। राशन डीलर के लाभांश को लेकर भी निसंदेह ठोस व्यवस्था ही की गई है। केंद्र सरकार के दिशानिर्देश के अनुसार सभी राशन डीलर को लाभांश का भुगतान किया जाएगा। सरकार इस विषय पर पूरी तरह से गंभीर है। यही नहीं राशन विक्रेताओं की बाकी समस्याओं पर भी काम किया जा रहा है।