पूर्व सांसद ने नक्षत्र वेधशाला में दुर्लभ पांडुलिपियों को देखा
नई टिहरी। देवप्रयाग भ्रमण पर आए पूर्व राज्य सभा सांसद और लेखक तरुण विजय ने उत्तराखंड के विद्वानों के महत्वपूर्ण साहित्य को संरक्षित किए जाने को कहा है। देवप्रयाग पहुंचे पूर्व सांसद तरुण विजय ने नक्षत्र वेधशाला में रखी दुर्लभ पांडुलिपियों को देखा। उन्होंने कहा कि गढ़वाल क्षेत्र में कई विख्यात विद्वान हुए, लेकिन उचित रख रखाव के कारण उनके द्वारा रचित ग्रंथ या तो नष्ट हो गए या उचित देखभाल अभाव में नष्ट होने को है। नक्षत्र वैधशाला में रखी दुलभ पांडुलिपियों को देखकर उनकी काफी सराहना की। उन्होंने कहा कि जिस तरह 1946 में स्व. आचार्य चक्रधर जोशी द्वारा देश और उत्तराखंड के कई विषयों की दुर्लभ और महत्वपूर्ण पांडुलिपियां का संग्रह किया है, उसी तरह उत्तराखंड के अनेक स्थानों पर पड़ी दुर्लभ पांडुलिपियों के संरक्षण की जरूरत है, जिससे आने वाली पीड़ी उसके बारे में जान सके। कहा कि पौड़ी जिले के खंडगांव स्थित महान विद्वान स्व. आचार्य मुकुंद दैवज्ञ द्वारा रचित साहित्य को संरक्षित किए जाने हेतु उनके परिजनों को आर्थिक सहायता दी जाने की जरूरत है, ताकि वह साहित्य सुरक्षित रखा जाए।