पूर्व एमडी ने चहेते अफसर को सात माह में ही तीन प्रमोशन

देहरादून। विवादों में रहने वाले वन निगम में एक नया मामला सामने आया है। एक पूर्व एमडी ने चहेते अफसर को सात माह में ही तीन प्रमोशन दे दिए। शिकायत के बाद जांच हुई तो अब मामला गलत पाया गया है। जांच के बाद एएमडी ने एमडी से कार्रवाई की सिफारिश की है। वन निगम में एक अधिकारी को सात माह में तीन बार पदोन्नति और एसीपी का लाभ दिया गया। इसकी शिकायत कुछ लोगों ने शासन से की थी। जिस पर शासन ने जांच के आदेश किए थे। जांच अपर प्रबंध निदेशक केएम राव को सौंपी गई थी। उन्होंने इसकी विस्तृत जांच की और अब एमडी को रिपोर्ट भेज दी है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि आरोपी अधिकारी को पहला प्रमोशन तो सही मिला, लेकिन उसके बाद के प्रमोशन और एसीपी के जो भी लाभ मिले वो नियम विरुद्ध हैं। इसके लिए ना तो शासन की विशेष अनुमति ली गई ना ही ऐसी किसी पदोन्नति का कोई शासनादेश था। ये भी कहा गया है कि पदोन्नति में विभागीय सेवा नियमावली के अनुसार ढांचा प्रक्रिया का भी पालन नहीं किया गया। ऐसे में उनके प्रमोशन और एसीपी के लाभों को रिवर्ट किया जाए। यानी उनकी पदोन्नतियां वापस लेने और रिकवरी की जाए। सूत्रों से ने बताया कि आरोपी अधिकारी से 80 से 90 लाख तक की रिकवरी हो सकती है।

जांच में पहली पदोन्नति तो सही पायी गई है। लेकिन इसके बाद की पदोन्नतियां या एसीपी का जो भी लाभ दिया गया वो नियमानुसार नहीं था। इस मामले जांच रिपोर्ट एमडी को सौंप दी है। जिसमें पदोन्नति व एसीपी पर पुनर्विचार की सिफारिश की गई है। अब एमडी स्तर से इस पर कार्रवाई होनी है
केएम राव अपर प्रबंध निदेशक

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