पेंशन बंद कर भाजपा ने छीनी है कर्मचारियों के बुढ़ापे की लाठी: बिट्टू कर्नाटक
अल्मोड़ा। आज प्रेस को जारी एक बयान में उत्तराखंड कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व दर्जा मंत्री बिट्टू कर्नाटक ने अभी तक कर्मचारियों की बंद पड़ी पेंशन को पुनः प्रारंभ न किए जाने पर गहरा रोष व्यक्त किया एवं भाजपा नेताओं को आड़े हाथों लिया। श्री कर्नाटक ने कहा कि बड़े शर्म की बात है कि कर्मचारियों को उनके बुढ़ापे के गुजर बसर के लिए जो पेंशन दी जाती थी उस पेंशन को बड़ी बेशर्मी से बंद करने का काम भाजपा की सरकार ने वर्ष 2005 में किया। कर्मचारियों द्वारा लगभग चालीस वर्ष राजकीय सेवा देने के बाद भी उनकी वृद्धावस्था का सहारा छीनकर भाजपा सरकार ने उनके परिवारों के ऊपर कुठाराघात किया है। श्री कर्नाटक ने कहा कि बड़ी खेदजनक स्थिति है कि सांसदों एवं विधायकों द्वारा मात्र पांच वर्ष की सेवा देने पर उन्हें पेंशन ही नहीं दी जा रही बल्कि उनकी पेंशन में लगातार इजाफा किया जा रहा है। जितने बार विधायक या सांसद अपने कार्यकाल पूरा करता है उतनी ही ज्यादा बढ़ोतरी उनकी पेंशन में की जा रही है। लेकिन सरकारी कर्मचारी जो लगभग चालीस साल अपने घुटने तोड़कर अपनी सेवाए देता है उसकी पेंशन बंद कर सरकार ने अपनी तुच्छ मानसिकता का परिचय दिया है।उन्होंने कहा कि कर्मचारी लगातार अपनी पुरानी पेंशन बहाली की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि इस अंधी और बहरी सरकार में उनकी कोई सुनवाई ही नहीं है। श्री कर्नाटक ने कहा कि सांसदों, विधायकों, पूर्व विधायकों, पूर्व सांसदों जिनको लाखों रुपए पेंशन का लाभ मिल रहा है उन्हें कर्मचारियों के हित में सामने आना चाहिए एवं एक स्वर में कर्मचारियों की पेंशन बहाली की मांग करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सांसदों, विधायकों, पूर्व विधायकों, पूर्व सांसदों की पेंशन में अरबों रुपया खर्च करने में सरकार को कोई दिक्कत नहीं लेकिन कर्मचारियों की पेंशन बहाल करने में सरकार अपने हाथ खड़े कर रही है।श्री कर्नाटक ने कहा कि जिन कर्मचारियों को सरकार अपने हाथ की कठपुतली समझ रही है अगर उन्होंने अपनी ताकत दिखा दी तो पल भर में भाजपा सरकार “अर्श से फर्श” पर आ जायेगी। उन्होंने कर्मचारियों का भी आह्वान करते हुए कहा कि कर्मचारी भी ऐसे सांसद और विधायकों को चिन्हित करे जो स्वयं तो पेंशन के रूप में लाखों रूपये ले रहे हैं पर कर्मचारियों की पेंशन बहाली के मुद्दे पर उन्हें सांप सूंघ जा रहा है।