पुलिस के लिए चुनौती बना फर्जी दस्तावेज तैयार करने वाले गिरोह

रुडक़ी। फर्जी दस्तावेज तैयार करने वाला गिरोह पुलिस के लिए चुनौती बन रहा है। फर्जी दस्तावेज से कोई फर्जी ड्राइविग लाइसेंस बना रहा तो कोई वाहनों के रजिस्ट्रेशन करा रहा। इस तरह के कई फर्जीवाड़े सामने आ चुके हैं। इन फर्जी दस्तावेज के आधार पर कई आपराधिक वारदातें भी हो रही है। पुलिस भी फर्जी दस्तावेज तैयार करने वाले गिरोह पर शिकंजा कस पाने में नाकाम साबित हो रही है। फर्जी दस्तावेज तैयार करने वाला गिरोह उप्र से लेकर उत्तराखंड तक सक्रिय है। इस गिरोह के लोग फर्जी दस्तावेज के आधार पर फर्जी आइडी तैयार कर रहे हैं। पुलिस के अलावा परिवहन विभाग को भी इस समय इन फर्जी आइडी की चुनौती से जूझना पड़ रहा है। फर्जी आइडी से फर्जी ड्राइविग लाइसेंस, वाहनों के रजिस्ट्रेशन कराने के साथ ही फर्जी सिम जारी हो रहे हैं, जिससे लूट, चोरी जैसी कई घटनाएं हो चुकी है। फर्जी आइडी से होने वाली अपराधिक घटनाओं को अंजाम देने वाले अपराधी तक पहुंचना पुलिस के लिए भी मुश्किल होता है। इस तरह की कई घटनाएं जिले में हो चुकी है। पुलिस कई अपराधी तो पकड़ चुकी है। लेकिन फर्जी दस्तावेज तैयार करने वाले गिरोह तक पहुंचना पुलिस के लिए अभी भी बड़ी चुनौती है।
केस-1: रुडक़ी के एक लोडर से 42 लैपटॉप चोरी करने वाले लोडर चालक दीन्नू उर्फ पंडित निवासी ओखला दिल्ली ने गुरुग्राम में फर्जी आइडी से अपना ड्राइविग लाइसेंस तैयार कर ट्रांसपोर्ट पर नौकरी की थी। इसके बाद चोरी की वारदात को अंजाम दिया था। पकड़े जाने पर पूरा मामला सामने आया।
केस-2: बहादरबाद के रुहालकी किशनपुर गांव निवासी बलराम की फर्जी आइडी तैयार कराकर एक वाल्वो बस का फर्जी तरीके से रजिस्ट्रेशन कराया गया। दिल्ली में सिग्नल लाइट जंप करने पर बस का नोटिस जब बहराम के घर पहुंचा तो उसे इसकी जानकारी हुई। बलराम ने एआरटीओ कार्यालय रुडक़ी और पुलिस से शिकायत की थी।
केस-3: टोडा कल्याणपुर गांव निवासी एक महिला ने मुजफ्फरनगर में फर्जी आइडी पर एक व्यक्ति की जमानत ली थी। फर्जी आइडी की बात सामने आने के बाद भोपा पुलिस महिला को उठाकर ले गई थी।
फर्जी आइडी तैयार करने वाले गिरोह को चिह्नित किया जा रहा है। शीघ्र इस तरह के गिरोह पर शिकंजा कसा जायेगा। – स्वप्न किशोर सिंह, एसपी देहात रुडक़ी

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