सरकारी काम की चाल ने कर दिया कमाल, आठ दिन तक दफ्तर-दफ्तर भटका पत्र
हल्द्वानी। भर्ती के लिए परिवहन व्यवस्था के लिए लिखा गया पत्र आठ दिन दफ्तर-दफ्तर भटका। 11 नवंबर को लिखी पिथौरागढ़ के डीएम की चिट्ठी मंगलवार को मंडलीय प्रबंधक कार्यालय पहुंची। प्रादेशिक सेना भर्ती के कारण दो दिन हंगामे की भेंट चढ़ गए। अभ्यर्थियों को पिथौरागढ़ तक पहुंचाने के लिए खड़ी हुई इस समस्या को परिवहन विभाग ने आमंत्रण दिया है। पिथौरागढ़ के डीएम विनोद गोस्वामी ने 11 नवंबर को पत्र लिखकर परिवहन निगम को आगाह कर दिया था। मगर यह पत्र ही दफ्तर-दफ्तर घूमते हुए नौवें दिन मंगलवार दोपहर बाद काठगोदाम के मंडलीय प्रबंधक कार्यालय पहुंचा।
पिथौरागढ़ के डीएम ने यह पत्र प्रदेश के परिवहन निगम के महाप्रबंधक को भेजा था। इसमें बताया था कि पिथौरागढ़ मुख्यालय में सेना भर्ती में उत्तराखंड, यूपी समेत अन्य राज्य से अभ्यर्थी आएंगे। पिथौरागढ़ में मांग के हिसाब से बसों की संख्या बेहद कम है। इसलिए 12 नवंबर से 27 नवंबर तक टनकपुर और हल्द्वानी से पिथौरागढ़ के लिए अतिरिक्त बसें चलाएं।
बसें उपलब्ध कराने के लिए लिखा था पत्र
पत्र के अलावा महाप्रबंधक (प्रशासन) अनिल कर्बियाल को मेल से भी पूरी जानकारी दी गई और फोन कॉल करके भी। महाप्रबंधक कर्बियाल के मुताबिक उन्होंने महाप्रबंधक (संचालन) पवन मेहरा को आगे की कार्रवाई के लिए कह दिया था।
पवन मेहरा ने मंगलवार शाम को अन्य डिपो को हल्द्वानी और टनकपुर में बसें उपलब्ध कराने के लिए पत्र लिखा। वहीं पिथौरागढ़ के डीएम के लिखे पत्र की कॉपी भी मंगलवार दोपहर बाद काठगोदाम स्थित मंडलीय कार्यालय पहुंची। यह कहां रुका रहा, कोई नहीं जानता। इसी चूक ने कानून व्यवस्था को खतरे में डाल दिया।
जिम्मेदारों के कथन ही हालात समझाने के लिए काफी
हमें पहले से कोई सूचना नहीं थी। मंगलवार को ही डीएम पिथौरागढ़ का पत्र मिला है। अगर पहले सूचना मिलती तो हम अपने बेहतर प्रयास जरूर करते। – पूजा जोशी, मंडलीय प्रबंधक, काठगोदाम और टनकपुर।
आर्मी के अधिकारियों के साथ हमारी बैठक हुई थी। इसके बाद परिवहन विभाग को पत्र लिखा था। यूपी जैसे बड़े राज्यों के युवाओं को लाने के लिए हल्द्वानी और टनकपुर में व्यवस्था करनी थी। दानापुर में भर्ती रद्द होने की वजह से पिथौरागढ़ में भीड़ और बढ़ी है। -विनोद गोस्वामी, डीएम, पिथौरागढ़