पीएफआई के टारगेट पर थी पीएम मोदी की पटना रैली, एनआईए की पूछताछ में बड़ा खुलासा

नई दिल्ली (आरएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय ने दावा किया है कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया ने पटना में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली को टारगेट करने की योजना बनाई थी और यूपी में संवेदनशील स्थानों व व्यक्तियों पर हमले शुरू करने के लिए आतंकवादी मॉड्यूल, घातक हथियारों और विस्फोटकों के संग्रह में यह विवादित संगठन शामिल था। यह खुलासा राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने केरल से गिरफ्तार पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के मेंबर शफीक पैठ से पूछताछ के दौरान हुआ।
शफीफ पैठ ने एनआईए को बताया है कि उनके निशाने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पटना रैली थी। शरीफ के मुताबिक पीएफआई लीडर रैली के दौरान माहौल बिगाडऩा चाहते थे। इसके लिए बाकयदा बैनर- पोस्टर भी बनाए गए थे।
एनआईए की ओर से की गई पूछताछ में शफीक ने बताया कि इसी साल 12 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पटना में रैली थी। ये रैली पीएफआई के टारगेट पर थी। जांच के दौरान ये भी पता चला है कि पीएफआई के एकाउंट में एक साल में करीब 120 करोड़ रुपए डिपॉजिट किए गए थे। इसके साथ ही जितना पैसा अकाउंट में जमा किया गया था उससे दोगुना रुपया कैश के रूप में एकत्र किया गया था।
एनआईए की जांच में ये भी जानकारी मिली है कि ये करोड़ों रुपये की रकम न सिर्फ हिंदुस्तान के अलग-अलग शहरों से, बल्कि विदेशों से भी एकत्र की गई थी। इस पैसे का इस्तेमाल देश विरोधी गतिविधियों में किया जा रहा था।
इस एक्शन के दौरान देशभर के कई हिस्सों से 106 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। सबसे ज्यादा गिरफ्तारियां केरल से हुईं थीं। केरल से 22 लोगों को एनआईए ने गिरफ्तार किया गया था। पीएफआई ने अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए पहले ही कई संगठन तैयार कर लिए थे। जिनके जरिए देश में अपने एजेंडे को जारी रखने के लिए पीएफआई ने पूरा प्लान बनाया हुआ था। हालांकि इसकी भनक जैसे ही एजेंसियों को लगी तो उन्होंने इसका भंडाफोड़ कर दिया।
जानकारी के मुताबिक पीएफआई ने एक या दो नहीं बल्कि आधा दर्जन से ज्यादा ऐसे संगठन तैयार किए हैं। आंतरिक सुरक्षा कार्यालय के हाई लेवल दस्तावेजों के अनुसार इन संगठनों को सरकारी एजेंसी के प्रतिबंध से बचने और आतंकी एजेंडा फैलाने के लिए तैयार किया गया है।