पशुपालकों को सरकारी योजनाओं की दी जानकारी

विकासनगर। पछुवादून दौरे पर आए पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने बाड़वाला के चीलियो और सहसपुर ब्लॉक के तेलपुरा में पशुपालकों से मुलाकात की। चीलियो में उन्होंने गांव में डेयरी उद्योग चलाने और बकरीपालन करने वाले पशुपालकों को सरकारी योजनाओं की जानकारी दी। इससे पूर्व बाड़वाला में भाजपा कार्यकर्ताओं ने काबिना मंत्री का भव्य स्वागत किया। चीलियो गांव में काबीना मंत्री सौरभ बहुगुणा ने ग्रामीण महिला आरती की डेयरी और अर्जुन सिंह के बकरी पालन केंद्र के साथ ही पॉल्ट्री फॉर्म का निरीक्षण किया। काबीना मंत्री बहुगुणा ने बताया कि गांवों में पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू की जा रही हैं। सरकार कृषि और पशुपालन को गांवों की आर्थिकी का मुख्य स्रोत बनाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि मैदानी क्षेत्र के गांवों में डेयरी उद्योग बड़े पैमाने पर शुरू किया जा सकता है। इसके लिए सरकार पशुपालकों को अनुदान मुहैया करा रही है। इसके साथ ही भेड़ बकरी पालन के माध्यम से ऊन से संबंधित कुटीर उद्योग शुरु करने के लिए भी ग्रामीणों को आर्थिक सहायता मुहैया कराई जा रही है। उन्होंने ग्रामीणों को बताया कि पशुपालन को प्राथमिक व्यवसाय के तौर पर अपनाने से गांवों को आत्मनिर्भर बनाने में सहायता मिल सकती है। सहसपुर ब्लॉक के तेलपुर में ग्रामीणों से बात करते हुए पशुपालन मंत्री ने सरकारी योजनाओं की जानकारी दी। इसके साथ ही बताया कि पशुपालन व्यवसाय शुरू करने के लिए बैंक से ऋण मुहैया कराया जा रहा है। उन्होंने ग्रामीणों को बताया कि अब टीएमआर के तहत पशुपालकों को आसानी से चारा भी मुहैया होगा। इस दौरान विधायक सहदेव पुंडीर, जिला पंचायत अध्यक्ष मधु चौहान, बाड़वाला के ग्राम प्रधान अरुण खत्री, सुखदेव फर्सवाण, सुरेंद्र चौहान, कपिल शर्मा, दिनेश चौहान आदि मौजूद रहे।

ग्रामीणों ने की त्यूणी में पशु चिकित्सक तैनात करने की मांग
सीमांत तहसील के पशुपालकों की सुविधा के लिए त्यूणी में खोले गए पशु चिकित्सालय में दो वर्ष से पशु चिकित्सक का पद खाली है। इससे पशुपालकों इसका लाभ नहीं मिल रहा है। ग्रामीणों ने पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा को ज्ञापन प्रेषित कर अस्पताल में पशु चिकित्सक तैनात करने की मांग की है। ज्ञापन में ग्रामीणों ने बताया कि राजकीय पशु चिकित्सालय त्यूणी में दो साल से चिकित्सक तैनात नहीं है। ग्रामीणों को अपने पशुओं के उपचार के लिए चकराता से चिकित्सक बुलाना पड़ता है। जिससे कई बार पशुओं की जान जोखिम में पड़ जाती है। इसके साथ ही ग्रामीणों के पशुओं को टीकाकरण की सुविधा भी नहीं मिल पाती है। ग्रामीणों ने जल्द पशु चिकित्सालय में चिकित्सक की तैनाती की मांग की है। ज्ञापन भेजने वालों में संतराम, बरजीत सिंह, बीरबल सिंह, यशपाल, कृपाराम, मोती सिंह, वीरपाल आदि शामिल रहे।