पर्यावरण संस्थान में मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय पर्वतीय दिवस

अल्मोड़ा। जीबी पन्त राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान, कोसी-कटारमल, अल्मोड़ा के जैव विविधता संरक्षण एवं प्रबंधन केन्द्र के तत्वाधान में अंतर्राष्ट्रीय पर्वतीय दिवस संस्थान के सूर्यकुंज में मनाया गया। अंतर्राष्ट्रीय पर्वतीय दिवस हर साल 11 दिसंबर को मनाया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय पर्वतीय दिवस पहाड़ों में स्वस्थ विकास को बढ़ावा देने और क्षेत्र के वन्य जीवन को संरक्षित करने के लिए मनाया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय पर्वत दिवस हर साल एक नई थीम के साथ मनाया जाता है और इस थीम को लेकर पूरे साल पर्वतों के संरक्षण पर काम किया जाता है। साल 2023 की थीम “रिस्टोरिंग माउंटेन इकोसिस्टम” (पर्वतीय पारिस्थिकी का पुनर्स्थापन) रखी गई है। पर्यावरण संस्थान द्वारा इस अवसर पर संस्थान के सूर्यकुंज में एक विचार मंथन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के प्रारम्भ में संस्थान के निदेशक प्रो. सुनील नौटियाल ने प्रतिवर्ष मनाये जाने वाले अंतर्राष्ट्रीय पर्वतीय दिवस के महत्त्व के बारे में बताया। उन्होंने भारत की विभिन्न पर्वत श्रंखलाओं के बारे में जानकारी दी और कहा कि हिमालय सभी पर्वत श्रंखलाओं में सबसे नवीन है और सबसे ज्यादा संवेदनशील है। वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ आई डी भट्ट ने अंतर्राष्ट्रीय पर्वतीय दिवस के अवसर पर इस वर्ष की थीम “रिस्टोरिंग माउंटेन इकोसिस्टम” पर अपने विचार प्रस्तुत किए तथा आयोजित कार्यक्रम की रूपरेखा के बारे में जानकारी दी। संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिकडॉ जे सी कुनियाल ने सूर्यकुंज में की गई विभिन्न गतिविधियों के सराहना की और इसको और प्रभावी तथा समृद्ध बनाने हेतु अपने सुझाव दिए। कार्यक्रम में उपस्थित सभी वैज्ञानिकों तथा शोध छात्र छात्राओं ने विचार मंथन किया। कार्यक्रम का संचालन जैव विविधता संरक्षण एवं प्रबंधन केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ आशीष पाण्डेय द्वारा किया गया। इस अवसर पर जैव विविधता संरक्षण एवं प्रबंधन केन्द्र के वैज्ञानिक डा. सतीश चन्द्र आर्य, डा. सुबोध ऐरी, तथा संस्थान के 40 शोध छात्र छात्राएं मौजूद थे।


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