पर्यावरण कार्यकर्ता धूम सिंह नेगी को मिला हिमालय प्रहरी सम्मान

देहरादून। प्रसिद्ध पर्यावरणविद पद्मविभूषित सुंदरलाल बहुगुणा की प्रथम पुण्यतिथि पर आयोजित सम्मान समारोह में जमनालाल बजाज पुरस्कार से सम्मानित पर्यावरण कार्यकर्ता धूम सिंह नेगी को हिमालय प्रहरी सम्मान प्रदान किया गया। महात्मा गांधी की पौत्री तारा गांधी भट्टाचार्य, मैग्सेसे पुरस्कार से सम्मानित जलपुरूष राजेन्द्र सिंह, सुंदरलाल बहुगुणा की पत्नी विमला बहुगुणा, लक्ष्मी आश्रम कौसानी से राधा बहन, पद्मभूषण अनिल जोशी ने उन्हें ये सम्मान दिया। सुभाष रोड स्थित होटल पैसाफिक में आयोजित सम्मान समारोह में सुंदरलाल बहुगुणा पर आधारित मधु पाठक द्वारा सम्पादित पुस्तक संकल्प के हिमालय-सुंदरलाल बहुगुणा व अमेरिकन लेखक जार्ज एल्फ्रेड जेम्स द्वारा लिखित बहुगुणा की जीवनी के हिंदी अनुवाद पारिस्थितिकी स्थाई आर्थिकी है का विमोचन किया गया। पुस्तक का अनुवाद डा.अर्चना बहुगुणा ने किया है। आयोजक संस्थाएं हिमालय बचाओ आंदोलन, सुंदरलाल बहुगुणा पर्यावरण संरक्षण एवं शोध संस्थान, यूकॉस्ट, हेस्को, पर्वतीय जीवन मंडल आश्रम, डाल्यूं का दगड्या संगठन जाड़ी संस्थान, सीनियर सिटीजन वेलफेयर सोसाइटी द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में महात्मा गांधी की पौत्री तारा गांधी ने कहा कि गांधी के आदर्शों को अपनाने वाले सुंदरलाल बहुगुणा ने समाज में जो सामाजिक चेतना जगाई, उसके लिए समाज उनका ह्दय से आभारी रहेगा। जलपुरूष राजेन्द्र प्रसाद ने उनके साथ बीते संस्मरण सुनाते हुए कहा कि वह पानी बचाने पर बड़ा ध्यान देते थे। उन्हीं के कहने पर उन्होंने चावल खाना छोड़ने का प्रण लिया। वह छोटी छोटी बातों को बड़े अपनेपन से सिखाते थे। हेस्को संस्थापक अनिल प्रकाश जोशी ने कहा कि उन्होंने बहुगुणा जी के बताए माग का अनुशरण किया है। उन्हें उनमें गांधी नजर आते हैं। धूम सिंह नेगी ने कहा उन्हें मिले इस सम्मान से हिमालय के कार्यकर्ताओं को नई संजीविनी मिलेगी। यूकॉस्ट महानिदेशक राजेन्द्र डोभाल ने कहा कि वह सिर्फ पर्यारणविद नहीं थे बल्कि उससे बढ़कर थे। जनकवि अतुल शर्मा ने नदी तू बहते रहना..,करे राष्ट्र निर्माण बनाए मिट्टी से सोना..गीत गाया। नीमा बहन और साथियों ने संघर्ष गीत इसलिए राह संघर्ष की हमने चुनी..प्रस्तुत किया। मौके पर नृप सिंह नपल्च्याल, सुमित्रा धूलिया, डा.महेश कुडियाल, डा.एस फारूख, डा.एएन पुरोहित आदि मौजूद थे। संचालन राजीव नयन बहुगुणा, समीर रतूड़ी ने किया।

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