परिवहन विभाग के प्रवर्तन संवर्ग की सेवा नियमावली पर जल्द लगेगी मुहर

देहरादून। परिवहन विभाग के प्रवर्तन संवर्ग की सेवा नियमावली अब अंतिम रूप लेने जा रही है। कार्मिक विभाग इसका परीक्षण करने के बाद विधायी को भेज चुका है। विधायी में तकरीबन दो माह से इस पर परीक्षण किया जा रहा है। वहां से स्वीकृति मिलने के बाद इसे कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा। परिवहन विभाग में कुछ समय पहले प्रवर्तन संवर्ग के ढांचे में बदलाव किया गया है। इसके तहत प्रवर्तन संवर्ग में प्रवर्तन सिपाही, प्रवर्तन पर्यवेक्षक और वरिष्ठ प्रवर्तन पर्यवेक्षक का पद सृजित किया गया है। पहले इस संवर्ग में प्रवर्तन सिपाही के के बाद प्रवर्तन पर्यवेक्षक का पद था। इसके बाद इस संवर्ग में पदोन्नति का कोई मौका नहीं था। प्रवर्तन पर्यवेक्षक के पद भी बेहद सीमित थे। इस कारण अधिकांश सिपाही पूरी सेवा करने के बाद पदोन्नति नहीं ले पाते थे। अलबत्ता उन्हें प्रोन्नत वेतनमान जरूर मिलता रहता था। इसे लेकर इस संवर्ग के कर्मचारियों में खासा आक्रेाश भी था। वहीं, हाईकोर्ट ने भी कुछ समय पहले प्रदेश में बढ़ती सडक़ दुर्घटनाओं को देखते हुए इसके लिए चेकिंग स्टाफ को बढ़ाने के निर्देश दिए थे। यह भी कहा कि हर ब्लॉक में एक प्रवर्तन दल स्थापित किया जाए। हाईकोर्ट के निर्देश के बाद परिवहन विभाग ने प्रवर्तन कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने का प्रस्ताव शासन को भेजा। इसमें कोर्ट के निर्णयानुसार पदों को उच्चीकृत करने का सुझाव भी भेजा गया। शासन से मिली अनुमति के बाद विभाग ने प्रवर्तन सिपाहियों की संख्या बढ़ाने के साथ ही सीनियर सुपरवाइजर का नया पद भी सृजित किया। प्रस्ताव के अनुसार प्रवर्तन सिपाही व प्रवर्तन पर्यवेक्षक के उपर वरिष्ठ प्रवर्तन पर्यवेक्षक का पद सृजित किया जाएगा। प्रवर्तन सिपाही से प्रवर्तन पर्यवेक्षक पद पर पहली पदोन्नति भर्ती के छह साल बाद होगी। प्रवर्तन पर्यवेक्षक पद पर पांच साल अथवा 11 साल की सेवा पर वरिष्ठ प्रवर्तन पर्यवेक्षक पद पर पदोन्नति दी जाएगी। इसके कितने पद होंगे और पर्वतीय व मैदानी क्षेत्रों में कितने वर्ष की सेवा करनी होगी इसका प्रविधान भी प्रस्तावित नियमावली में किया गया है। कार्मिक विभाग इस नियमावली को अनुमति दे चुका है। अब जल्द ही विधायी से अनुमति मिलने के बाद इसे कैबिनेट में रखा जाएगा।

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