पराक्रम दिवस के रूप में मनाई नेता जी सुभाष चंद्र बोस की जयंती

विकासनगर। नेता जी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पछुवादून के शिक्षण संस्थानों में पराक्रम दिवस के तौर पर मनाई गई। इस दौरान छात्र-छात्राओं ने नेताजी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि देने के साथ ही उनके जीवन पर आधारिक घटनक्रमों को नाटक के माध्यम से प्रदर्शित किया। कई शिक्षण संस्थानों में संगोष्ठी आयोजित की गई। राजकीय प्राथमिक विद्यालय उदियाबाग में नौनिहालों ने नन्हा मुन्ना राही हूं देश का सिपाही हूं… गीत पर नेताजी की वेशभूषा में शानदार प्रस्तुति दी। इसके साथ ही आजाद हिंद फौज से जुड़े संस्मरणों का नाटक के माध्यम से प्रदर्शन किया। प्रधानाध्यापक निर्मला देवी ने नौनिहालों को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेताजी की जयंती को पराक्रम दिवस के तौर पर मनाने का निर्णय लिया है। बच्चों को बताया कि नेताजी मानते थे कि हमारी सबसे बड़ी राष्ट्रीय समस्याएं गरीबी, अशिक्षा, बीमारी और साइंटिफिक प्रोडक्टिविटी है। इन समस्याओं का समाधान सामाजिक सोच से ही होगा। राजकीय जूनियर हाईस्कूल लक्खनवाला में पराक्रम दिवस पर पछुवादून विकास मंच की ओर से छात्र-छात्राओं को आजाद हिंद फौज के अदम्य कारनामों की जानकारी दी गई। मंच संयोजक अतुल शर्मा ने बताया कि नेताजी ने भारत की स्वतंत्रता की लड़ाई के लिए आजाद हिंद फौज का गठन किया, जिसने अंग्रेजो के खिलाफ कई बड़े मोर्चों पर जीत हासिल की। राजकीय प्राथमिक विद्यालय डोभरी में आयोजित पराक्रम दिवस में नौनिहालों ने नाटकों के माध्यम से नेताजी के समुद्र के रास्ते विदेश जाने की घटना का प्रदर्शन किया। राजकीय इंटर कॉलेज बरोटीवाला, राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय रुद्रपुर में पराक्रम दिवस पर संगोष्ठी आयोजित की गई। हाईस्कूल रुद्रपुर में छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए प्रधानाचार्य सुदर्शन प्रसाद खंडूड़ी ने बताया कि आजाद हिंद फौज ने आजादी की जंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। एक स्वतंत्र राष्ट्र की फौज के तौर पर अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ते हुए नेताजी ने बड़े मोर्चे फतह किए। इस दौरान राकेश कुमार, जीएल धोरियाल, जेपी मिश्रा, सुनील नौटियाल, अर्चना रानी, शालिनी गौतम, सरदार हरजिंदर सिंह आदि मौजूद रहे।