पंचायतों में आरक्षण प्रस्ताव पर रोक से टूटी उम्मीद

रुड़की।  देहात में पंचायत चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे नेताओं को फिलहाल इंतजार करना होगा। मंगलवार को जिला स्तर से पंचायतों के आरक्षण की अनंतिम सूची जारी होनी थी। परंतु आनन फानन इसे स्थगित कर दिया है। कांग्रेस ने आरक्षण प्रक्रिया पर आपत्ति जताई थी। हरिद्वार जिले में पंचायतों का कार्यकाल प्रदेश के बाकी 12 जिलों से अलग है। यहां मार्च 2020 में पंचायतों का पांच साल का समय पूरा हो गया था। फिलहाल पंचायतों में सरकारी अधिकारी प्रशासक बनाए गए हैं। हालांकि, पंचायतों का कार्यकाल पूरा होने से पहले ही सरकार ने नए चुनाव की प्रक्रिया शुरू की थी। इस दौरान प्रशासन ने पंचायतों की मतदाता सूचियों का पुनरीक्षण करते हुए इनका अंतिम प्रकाशन भी कर दिया था। इसके बाद पंचायतों में आरक्षण तय होना था। पर इससे पहले ही सरकार ने चुनाव प्रक्रिया रोक दी। अब विधानसभा चुनाव का मतदान होने के बाद आरक्षण तय करने की प्रक्रिया को दोबारा शुरू किया था। इसके बाद देहात में पंचायत चुनाव की हलचल भी शुरू हो गई थी। मंगलवार को आरक्षण की अनंतिम सूची प्रकाशित की जानी थी। लेकिन कांग्रेस इस प्रक्रिया को दोबारा शुरू करने का विरोध कर रहा था। उनका कहना था कि चुनाव नीतिगत निर्णय है। मतगणना के बाद प्रदेश में बनने वाली नई सरकार ही इस पर निर्णय कर सकती है।

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