पलायन आयोग की तर्ज़ पर हो कचरा प्रबंधन आयोग का गठन हो: नौटियाल
देहरादून। एसडीसी फाउंडेशन के अध्यक्ष अनूप नौटियाल ने कहा कि उत्तराखंड के निकायों में स्वच्छता के लिए कचरा प्रबंधन आयोग का गठन किया जाना चाहिए। शुक्रवार को नौटियाल ने स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 के रिपोर्ट की ई लांचिंग करते हुए कहा कि पूरे देश भर में फिर अगले साल के लिए सर्वेक्षण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। उत्तराखंड में कचरा प्रबंधन के लिए सुधार को लेकर सुझाव देते हुए कहा कि पलायन आयोग की तर्ज़ पर कचरा प्रबंधन आयोग बनाया जाना चाहिए। उन्होंने वर्ष 2022 के स्वच्छ सर्वेक्षण में शामिल निकायों के नतीजों का विश्लेषण किया। कहा कि इसमें राज्य के 87 निकाय शामिल गए थे। एक लाख से अधिक आबादी वाले आठ शहर और एक लाख से कम आबादी वाले 79 नगर व कस्बे इसका हिस्सा थे।
उन्होंने बताया कि आठ बड़े शहरों मेंर देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी, रुड़की, कोटद्वार, काशीपुर, रुद्रपुर और ऋषिकेश एक से 10 लाख जनसंख्या श्रेणी में थे। इस श्रेणी में देश के कुल 382 शहरी स्थानीय निकाय के बीच मुकाबला हुआ था। इनके अलावा छह निकाय 50,000 से 1,00,000 श्रेणी में, 10 निकाय 25,000 से 50,000 श्रेणी में, 10 निकाय 15,000 से 25,000 श्रेणी में और 53 निकाय 15,000 से कम आबादी वाले निकायों की श्रेणी में शामिल किए गए थे।
नौटियाल ने बताया कि हरिद्वार को एक लाख से अधिक आबादी की श्रेणी में सबसे स्वच्छ गंगा शहर पुरस्कार मिला, हालांकि 330 की समग्र रैंक के साथ उत्तराखंड के आठ सबसे बड़े शहरों में से हरिद्वार को सबसे गंदा शहर पाया गया। रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड के 87 में से 81 निकायों को कचरा मुक्त शहर (गार्बेज फ्री सिटी) श्रेणी में शून्य अंक मिले हैं। यह चिंताजनक जानकारी भी सामने आई है की 87 निकायों में से छह को खुले में शौच से मुक्त ओडीएफ श्रेणी में शून्यअंक मिले। इनमें काशीपुर, अल्मोड़ा, विकासनगर, भीमताल, केलाखेड़ा और गंगोलीहाट शामिल हैं।