पहले रायबरेली जीत लो, फिर शतरंज खेलना; रूसी ग्रैंडमास्टर गैरी कास्परोव का राहुल गांधी पर तंज

नई दिल्ली। शतरंज विश्व चैंपियन गैरी कास्परोव ने रायबरेली और वायनाड सीट से कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार और पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी पर कटाक्ष किया है। रूसी ग्रैंडमास्टर ने कहा, “शतरंज का चैंपियन बनने से पहले आपको अपनी रायबरेली सीट से जीतना चाहिए।” शुक्रवार की रात कास्परोव की पोस्ट एक ट्वीट के जवाब में आया, जिसमें यूजर ने लिखा था, ”यह राहत की बात है कि रूसी  ग्रैंडमास्टर कास्परोव और शतरंज के विश्व शतरंज चैंपियन विश्वनाथन आनंद जल्दी रिटायर हो गए और उन्हें हमारे समय की सबसे बड़ी शतरंज प्रतिभा का सामना नहीं करना पड़ा।” इस पोस्ट में राहुल गांधी की शतरंज खेलते हुए एक तस्वीर भी पोस्ट की गई थी।
कास्परोव ने इस पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘‘ शीर्ष स्तर पर चुनौती देने से पहले आपको रायबरेली से जीत दर्ज करना चाहिये।’’
शतरंज को 2005 में अलविदा कहने वाले इस पूर्व विश्व चैम्पियन ने अभिनेता रणवीर शौरी को जवाब देते हुए लिखा, ‘‘मुझे पूरी उम्मीद है कि मेरा छोटा सा मजाक भारतीय राजनीति में किसी की पैरवी या विशेषज्ञता के तौर पर नहीं देखा जाएगा। एक नेता मेरे प्रिय खेल के बारे में टिप्पणी कर रहा है, मुझे यह दिख रहा है।’’
आपको बता दें कि रायबरेली से राहुल गांधी की उम्मीदवारी की घोषणा के बाद कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि गांधी परिवार के गढ़ रायबरेली से राहुल गांधी को मैदान में उतारने के पार्टी के कदम ने भाजपा को भ्रमित कर दिया है। उन्होंने एक लंबे ट्वीट में कहा, “राहुल गांधी के रायबरेली से चुनाव लड़ने की खबर पर कई लोगों की कई राय हैं। याद रखें वह राजनीति और शतरंज के अनुभवी खिलाड़ी हैं।” उन्होने आगे लिखा, “पार्टी नेतृत्व बहुत चर्चा के बाद और एक बड़ी रणनीति के तहत अपने फैसले लेता है। इस एक फैसले ने भाजपा, उसके समर्थकों और उसके चाटुकारों को भ्रमित कर दिया है।”
आपको बता दें कि अभी दो दिन पहले राहुल गांधी ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें उन्होंने शतरंज के खेल की तुलना राजनीति से की थी। वीडियो में राहुल ने बताया कि उन्होंने पहली बार शतरंज तब खेला था जब वह सात साल के थे और उस व्यक्ति को हराया था जिसने उन्हें खेल के नियम सिखाए थे। राहुल गांधी ने यह भी कहा कि उनके पसंदीदा शतरंज खिलाड़ियों में गैरी कास्परोव भी थे, जो कि अपने विरोधियों पर बहुत मनोवैज्ञानिक दबाव डालते हैं।”

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