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महाराजा अग्रसेन विश्वविद्यालय में विज्ञान के विभिन्न विषयों पर वेबिनार का आयोजन

सोलन(बद्दी)। महाराजा अग्रसेन विश्वविद्यालय के  स्कूल ऑफ  बेसिक एण्ड एप्लाईड साइंसेज  द्वारा विज्ञान के विभिन्न विषयों पर वेबिनार्स की 3 दिवसीय श्रृंखला का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आर के गुप्ता ने छात्रों, रिसर्च स्कालर्स और प्रध्यापकों और शिक्षाविदों के बीच बातचीत के वैकल्पिक तरीकों की आवश्यकता पर बल दिया। प्रोजेक्ट इंचार्ज सुरेश गुप्ता ने भौतिक दूरी बनाये रखते हुए विश्वविद्यालयों और संस्थानों के शिक्षाविदों को एक साथ लाने के लिए आईसीटी और उनके व्यापक अनुप्रयोगों की भूमिका पर जोर दिया जो वर्तमान समय की जरूरत है।
स्कूल ऑफ  बेसिक एण्ड एप्लाईड साइंसेज के निदेशक डा. संजय पंवार ने जैव प्रौद्योगिकी, रसायन विज्ञान, भौतिकी और जूलॉजी विषयों में विशेषज्ञ वार्ता को आयोजित करने के लिए आयोजन टीमो की सराहना की। डा. पंवार ने कहा कि मौजूदा महामारी की स्थिति में लोगों को एक साथ लाने के लिए आईसीटी एकमात्र बेहतर विकल्प है। इस तीन दिवसीय श्रृखंला में विभिन्न विश्वविद्यालय
और संस्थानों के छात्रों, रिसर्च स्कालर्स, प्रध्यापकों और छात्रों ने अपने अपने क्षेत्रो में ज्ञान का आदान-प्रदान किया।
इस अवसर पर विशेष वक्ता रूप से आमंत्रित इंदिरा गांधी विवि मीरपुर रिवाडी, हरियाणा के भौतिकी विभाग के अध्यक्ष  प्रो. विजय कुमार ने  अपने संबोधन में नैनो सामग्री: मूल बाते और कम लागत वाली संश्रलेषण तकनीक के मूल विषय पर जानकारी दी और नैनो सामग्री के विकासत्मक पहुलओं और विभिन्न क्षेत्रों में उनकी भूमिका पर चर्चा की। रसायन विज्ञान विभाग के वेबिनार में  पेट्रोलियम एण्ड एनर्जी स्टडीज, देहरादून के रसायन विज्ञान के प्रमुख डा. पंकज कुमार ने परमाणु अवशोषण स्पेक्ट्रोफोटामेट्री द्वारा ट्रेस मेटल एनालिसिस पर चर्चा की।
 डा. पंकज कुमार ने विभिन्न धातुओं और उनके प्रभाव को जानने के लिए विश्लेषणात्मक तकनीकों की आवश्यकता के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होने परमाणु अवशोषण स्पेक्ट्रोफोटामेट्री  की विभिन्न विशेषताओं और उपयोगिताओं के बारे में जानकारी साझी की। जॉलोजीकल सर्वे ऑफ  इण्डिया कलकत्ता के डा. मुकेश ठाकुर ने संरक्षण आनुवंषिकी का उपयोग कर वन्यजीवों की निगरानी विषय पर अपनी जानकारी साझी की। उन्होंने बंदरों और भालु इत्यादि वन्यजीवों के पारिस्थितिक तंत्र के संरक्षण और जैव विविधता पर चर्चा की।
वेबिनार की 3 दिवसीय श्रृंखला के अंतिम दिन गणित और जैव प्रोद्योगिकी के क्षेत्र में दो वेबिनार आयोजित किये गये। दिल्ली विश्वविद्यालय से डा. वी.के. त्रिपाठी ने अपने भाषण में गणित विभाग से संबंधित जटिल विश्लेषण और इसके अनुप्रयोग पर चर्चा की।  उन्होने मुख्यतः संख्याओं का इतिहास, विश्लेषणात्क कार्य और हार्मोनि कार्य: इलेक्ट्रोनिक्स में जटिल विश्लेषण के अनुप्रयोग, तरंगो की गति और छवि आवर्धन के बारे में विस्तार से जानकारी दी। डा. प्रवीण कौशिक, सीएसआईआर-सीएसआईओ, चण्डीगढ स्वास्थ्य निदान में नैनो-बायोसेंसर के अनुप्रयोग के बारे में बताया।
125  छात्रों व प्राध्यापकों ने लिया भाग
विभिन्न विषयों पर वेबिनार की 3 दिवसीय श्रृंखला मेें विषय से संबंधित  प्रतिदिन 125 से अधिक छात्रों व प्राध्यापकों ने भाग लिया। स्कूल ऑफ बेसिक एण्ड एप्लाईड साइंसेज के निदेशक डा. संजय पंवार ने इस आयोजन को सफल बनाने के लिए डा. प्रियंका शर्मा, डा. पुनीता शर्मा, डा. शिव कुमार गिरि, डा. इंद्र प्रकाश, डा. अभिषेक अवस्थी, डा. निधि श्रीवास्तव और उनकी टीम में विशेष योगदान के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होने वेबिनार में उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों और विशेषज्ञों का भी आभार व्यक्त किया और कहा कि उनकी द्वारा दी जानकारी प्रतिभागियों के लिए महत्वपूर्ण सिद्ध होगी।

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