एनआईटी के स्थायी कैंपस का निर्माण न होने पर जताया रोष
श्रीनगर गढ़वाल। प्रगतिशील जनमंच और एआईडीएसओ छात्र संगठन की ओर से श्रीनगर की विभिन्न समस्याओं के समाधान को लेकर धरना प्रदर्शन किया गया। इस मौके पर दोनों संगठनों की ओर से एनआईटी उत्तराखंड के स्थाई परिसर का निर्माण, केंद्रीय विद्यालय के लिए भूमि और बजट दिए जाने, संयुक्त चिकित्सालय में आवासों का निर्माण व पार्किंग, अधिगृहित किए गए जीआईएंडटीआई मैदान को वापस दिए जाने, श्रीनगर जल विद्युत परियोजना से नदी में पर्याप्त पानी छोड़ने सहित 10 सूत्रीय मांगों पर तत्काल कार्यवाही किए जाने की मांग की गई। धरना प्रदर्शन के बाद एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भी भेजा गया। रविवार को पीपल चौरी में प्रगतिशील जनमंच, उत्तराखंड आंदोलनकारी और डीएसओ छात्र संगठन ने धरना-प्रदर्शन के दौरान वीर चंद्र सिंह गढ़वाली को याद कर उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए। इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि वर्ष 2010 में एनआईटी के लिए सुमाड़ी में 120 हेक्टेयर भूमि दान दी गई थी। जिस पर कि 3.50 करोड़ की लागत से चाहरदीवारी करवाई गई। इसके अलावा एनआईटी के स्थाई परिसर निर्माण के लिए दो बार शिलान्यास भी किया गया लेकिन आज तक एनआईटी के स्थाई परिसर का निर्माण नहीं हो पाया है। उन्होंने कहा केंद्रीय विद्यालय के विस्तारीकरण के लिए भूमि और बजट की व्यवस्था नहीं हो पाई है। जबकि उप जिला अस्पताल में आवासों की कमी से डॉक्टर और कर्मचारी परेशान है। जनमंच ने रेलवे सुरंगों के निर्माण में भारी विस्फोटों का प्रयोग न करने, नगर की सड़कों को गड्ढ़ा मुक्त किए जाने, श्रीनगर बस डिपो को सुविधा संपन्न बनाए जाने आदि की मांग भी की। धरना-प्रदर्शन में मंच के अध्यक्ष अनिल स्वामी, आंदोलनकारी मदन मोहन नौटियाल, पूर्व पालिकाध्यक्ष कृष्णानंद मैठाणी, गजेंद्र दानू, योगेंद्र काण्डपाल, प्रभाकर बाबुलकर, कुलदीप चंद, रेशमा, विमला, रजनी देवी, मीना चंदोला, विनोद मैठाणी, अनिता रावत, कादंबरी, यशोदा आदि मौजूद रहे।