एनआईए को मिला कर्नाटक में हुए बजरंग दल कार्यकर्ता हर्षा की मौत की जांच का जिम्मा

बेंगलुरु (आरएनएस)। पिछले महीने कर्नाटक में बजरंग दल कार्यकर्ता हर्षा की मौत की जांच एनआईए को सौंप दी गई है। कर्नाटक पुलिस ने हर्षा की मौत की फाइल एनआईए को सौंप दी है और अब एनआईए आगे की जांच कर रही है। पुलिस ने हर्षा की मौत के मामले में दस लोगों को आरोपी बनाया है। इन दस आरोपियों में से नौ आरोपियों की उम्र 20 से 23 साल के बीच है जबकि एक आरोपी की उम्र 30 साल है। कर्नाटक पुलिस ने 2 मार्च को इन आरोपियों के खिलाफ उपा लगाया था। माना जा रहा है कि अब एनआईए मामले की जांच के लिए इन आरोपियों की कस्टडी अपने हाथों में लेगी।

पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक 20 फरवरी की शाम बेंगलुरु से करीब 300 किलोमीटर दूर शिवामोगा के भारती नगर इलाके में कुछ लोगों ने बीच बाजार में हर्षा नाम के लडक़ा का मर्डर कर दिया। पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने इलाके में दहशत और तनाव पैदा करने के इरादे से इस घटना को अंजाम दिया। खतरनाक हथियारों से लैस इन लोगों ने हर्षा का बीच बाजार बेरहमी से कत्ल कर दिया ताकि समाज के एक वर्ग में दहशत पैदा की जा सके। जांच में ये बात साबित होने के बाद पुलिस ने कहा था कि उपा लगाने के लिए संगठित अपराध करना ही जरूरी नहीं है। अगर समाज में भय पैदा करने के उद्देश्य से भी क्राइम किया जाता है तो उपा लगाया जा सकता है।

गौरतलब है कि हर्षा की मौत के बाद इलाके में काफी बवाल हुआ था। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और कैबिनेट मंत्री केएस ईश्वरर्रपा और शिवमोगा से बीजेपी सांसद वीवाई राघवेंद्र आदेश का उल्लंघन  करते हुए हर्षा की शवयात्रा में शामिल हुए थे। इस दौरान एक खास समुदाय के घरों पर पत्थर भी फेंके गए जिससे इलाके में सांप्रदायिक तनाव बढ़ गया था। तभी से बीजेपी सरकार पर हर्षा मर्डर केस की जांच एनआईए से कराने की मांग उठ रही थी। बीजेपी नेता और कर्नाटक से केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री शोभा खरंदलाजे ने गृह मंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखकर हर्षा मामले की जांच एनआईए को सौंपे जाने का अनुरोध किया था।


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