युवाओं के लिए रोजगार की राह खोलेगी नई शिक्षा नीति
रुडकी। केंद्र सरकार की ओर से जारी की गई नई शिक्षा नीति युवाओं के लिए रोजगार के नए रास्ते खोल सकती है। शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े लोगों का मानना है कि कक्षा 8वीं के बाद वोकेशनल एजुकेशन (व्यावसायिक शिक्षा) की शुरुआत करने से युवाओं को डिग्री के साथ ही काम शुरू करने का अनुभव भी मिलेगा। केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति को लेकर चारों तरफ चर्चा हो रही है। कुछ लोग इसकी आलोचना भी कर रहे हैं, पर शिक्षाविद इसे रोजगार के लिए मील का पत्थर मान रहे हैं। नेशनल कन्या इंटर कॉलेज खानपुर के प्रधानाचार्य डॉ. घनश्याम गुप्ता के मुताबिक कक्षा नौ के बाद से व्यावसायिक विषयों को शामिल करना एक महत्वाकांक्षी कदम है। इससे पढ़ाई के बाद युवा रोजगार के लिए भटकने के बजाय खुद का रोजगार शुरू कर सकेंगे। शिक्षाराज इंटर कॉलेज सुल्तानपुर के प्रधानाचार्य डॉ. दीपक शर्मा का कहना है कि पहले इंटर में बायलोजी लेने पर गणित का विकल्प नहीं था। अब छात्र अपने मनमाफिक विषय लेंगे और उनके पास कई क्षेत्र में पढ़ाई के अवसर होंगे। सत्यनारायण मंदिर इंटर कॉलेज मखदूमपुर के प्रधानाचार्य प्रधान विजय कुमार ने बताया कि पहले बीए की पढ़ाई के बीच में गैप होने पर दोबारा पहले साल से शुरुआत करनी पड़ती थी। अब गैप के बावजूद अगले वर्ष से शुरुआत की जा सकेगी। इससे काफी राहत मिलेगी।
चौधरी भरत सिंह डीएवी इंटर कॉलेज के प्रिंसीपल ओमसिंह सैनी ने बताया कि इससे पीएचडी करने वालों को भी फायदा होगा। अब एमए के बाद एमफिल करने के बजाय सीधे ड्रॉक्ट्रेट करने का अवसर दिया गया है। राष्ट्रीय इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य कुंवरपाल सिंह के मुताबिक नई शिक्षा नीति से पूरे भारत में एक समान शिक्षा व्यवस्था लागू हो जाएगी। एक देश, एक ध्वज, एक विधान के साथ ही एक शिक्षा होना इसका सबसे बड़ा लाभ है।