नेटवर्क समन्वयक ने नौणी विश्वविद्यालय की कीटनाशक अवशेष प्रयोगशाला का किया दौरा

आरएनएस ब्यूरो सोलन। डॉ. केके शर्मा, कीटनाशक अवशेषों पर अखिल भारतीय नेटवर्क परियोजना के नेटवर्क समन्वयक और राष्ट्रीय स्तर पर कीटनाशक अवशेषों की निगरानी के सदस्य सचिव (एमपीआरएनएल) ने डॉ. वाईएस परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी की कीटनाशक अवशेष प्रयोगशाला का हाल ही में दौरा किया और परियोजनाओं की प्रगति का निरीक्षण किया।

एसडब्ल्यूओ और प्रधान अन्वेषक डॉ. जेके दुबे और कीट विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. राज कुमार ठाकुर ने विभाग में अवशेष विश्लेषण संसाधनों के विस्तार के लिए भविष्य के दायरे पर डॉ शर्मा से चर्चा की। उनके साथ डॉ. सपना कटना और डॉ. अजय शर्मा भी इस बैठक में शामिल हुए। वैज्ञानिकों ने डॉ शर्मा को लैब में किए जा रहे कार्यों के बारे में अवगत करवाया।

विश्वविद्यालय की कीटनाशक अवशेष प्रयोगशाला, कीट विज्ञान विभाग में एक अत्याधुनिक प्रयोगशाला है और विभिन्न खाद्य उत्पादों में कीटनाशक अवशेषों का पता लगाने पर कार्य कर रही है। यह प्रयोगशाला कीटनाशक अवशेषों के विश्लेषण के लिए आवश्यक सभी परिष्कृत और तकनीकी रूप से उन्नत उपकरणों से सुसज्जित है। राष्ट्रीय स्तर की दो परियोजनाएं- आईसीएआर और कृषि और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित एक एक परियोजना पर वर्तमान में कार्य किया जा रहा है।

डॉ. केके शर्मा ने प्रयोगशाला प्रबंधन प्रणाली का निरीक्षण किया और प्रयोगशाला द्वारा की गई प्रगति पर संतोष व्यक्त किया। राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड की परीक्षण और अंशांकन प्रयोगशालाओं (एनएबीएल) आईएसओ:17025-2017 मान्यता प्राप्त करने के लिए प्रयोगशाला कर्मचारियों को बधाई दी। उन्होंने डॉ. जेके दुबे, जो इस परियोजना के गुणवत्ता प्रबंधक हैं, सहित सभी वैज्ञानिकों और कर्मचारियों के प्रयासों की सराहना की और प्रयोगशाला द्वारा अपने कार्यक्षेत्र के विस्तार के लिए आवश्यक सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया।