‘भोर’ काव्य संग्रह का लोकार्पण, नवीन बिष्ट की रचनाओं को मिली सराहना

अल्मोड़ा। वरिष्ठ रंगकर्मी, पत्रकार और साहित्यकार नवीन बिष्ट के हिंदी काव्य संग्रह भोर का लोकार्पण समारोहपूर्वक किया गया। रामकृष्ण मिशन, अल्मोड़ा के अध्यक्ष स्वामी ध्रुवेशानंद महाराज की अध्यक्षता में हुए इस आयोजन की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई। वक्ताओं ने ‘भोर’ को मानवीय संवेदनाओं की सशक्त अभिव्यक्ति बताते हुए कहा कि इसमें प्रकृति, लोक संस्कृति, अध्यात्म, नववर्ष और वसंत के उल्लास का सुंदर समावेश है। होटल शिखर की सीईओ नीरा बिष्ट ने कहा कि कविता सृजन एक दुरूह प्रक्रिया है, जो ईश्वर प्रेरणा से संभव होती है। नवीन बिष्ट की कविताएं इस भाव को गहराई से दर्शाती हैं। साहित्यकार महेंद्र सिंह महरा ‘मधु’ ने कहा कि रचनाकार ने पहाड़ के प्रतीकों को कविता में प्रभावशाली रूप से स्थान दिया है। बचुली पगली जैसी रचनाएं नई सोच और दिशा प्रदान करती हैं। उन्होंने काव्य संग्रह को समाज के प्रति रचनात्मक उत्तरदायित्व की मिसाल बताया। पूर्व पालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद्र जोशी ने कहा कि नवीन बिष्ट की कविताएं सामाजिक यथार्थ का प्रतिबिंब हैं, जिनमें ममता, वात्सल्य, वर्ग संघर्ष और राजनीतिक चेतना झलकती है। समारोह की अध्यक्षता करते हुए स्वामी ध्रुवेशानंद महाराज ने कहा कि अल्मोड़ा, जो स्वामी विवेकानंद की प्रिय स्थली रही है, साहित्यिक दृष्टि से भी समृद्ध रहा है। नवीन बिष्ट इस परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने भोर को एक कालजयी रचना संग्रह बताते हुए विश्वास जताया कि यह पाठकों को लंबे समय तक भावात्मक आनंद देगा। कार्यक्रम का संचालन नीरज भट्ट ने किया। इस अवसर पर राज्य मंत्री गंगा बिष्ट, जिला बार अध्यक्ष महेश परिहार, उपपा अध्यक्ष पीसी तिवारी, साहित्यकार त्रिभुवन गिरी महाराज, दीपक कार्की, इतिहासकार डॉ. निर्मल जोशी, सूचना अधिकारी सतपाल सिंह, पूर्व स्वास्थ्य निदेशक डॉ. जेसी दुर्गापाल सहित अनेक साहित्यप्रेमी व विशिष्ट जन उपस्थित रहे।

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