नौणी में रोपण सामग्री के आयात में क्वारंटाइन उपायों के महत्व पर कार्यशाला 12 नवम्बर को

आरएनएस ब्यूरो सोलन। पौध संगरोध(क्वारंटाइन) के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय नौणी के पादप रोग विज्ञान विभाग द्वारा 12 नवंबर को विश्वविद्यालय परिसर में रोपण सामग्री के आयात में संगरोध उपायों के महत्व पर एक दिवसीय जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है।

कार्यशाला का आयोजन विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित हिमाचल प्रदेश बागवानी विकास परियोजना के तहत किया जा रहा है। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. परविंदर कौशल मुख्य अतिथि होंगे।

विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों के अलावा, लाइन विभाग के अधिकारी, आयातित रोपण सामग्री की बिक्री में शामिल कुछ प्रगतिशील उत्पादक और किसान इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। कार्यशाला के दौरान देश के जाने-माने विशेषज्ञ अपने विचार साझा करेंगे। डॉ. सुभाष धीमान, जीएम, एनएमएस’हिमाचल प्रदेश में बागवानी के बदलते परिदृश्य में आयातित रोपण सामग्री की भूमिका’ पर एक व्याख्यान देंगे, जबकि आईसीएआर एनबीपीजीआर की प्लांट क्वारंटाइन डिवीजन के प्रमुख डॉ. चलम वसीमल्ला, रोपण सामग्री के आयात में संगरोध प्रक्रियाओं के महत्व’ पर ज्ञान साझा करेंगे।

आईसीएआर आईएआरआई सेंटर फॉर प्लांट वायरोलॉजी, डिवीजन ऑफ प्लांट पैथोलॉजी के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. वी के बरनवाल भी एकव्याख्यान देंगे। इस कार्यक्रम में एक चर्चा सत्र भी आयोजित किया जाएगा।