नरेन्द्र नेगी और अनिल बिष्ट के गीतों पर झूमे लोग

उत्तरकाशी। जिले के पौराणिक धार्मिक और सांस्कृतिक माघ मेले (बाड़ाहाट का थोलू) की आठवीं सांस्कृतिक संध्या गढ़ रत्न नरेन्द्र सिंह नेगी और उनकी टीम के नाम रही। इस मौके पर नेगी ने द्वि गति बैशाख सुरमा मेरा मुलुक मेला.., मेरा, सलाणा स्याली.., माछी पाणी सी ज्यूं ..से समां बांधा। साथ ही उनके साथ आए अनिल बिष्ट ने चैता की चैत्वाली.. गीत की शानदार प्रस्तुती दी और पंडाल में बैठे लोगों को झूमने पर विवश कर दिया। कार्यक्रम का संचालन गणेश खुगशाल ने गढ़वाली भाषा में किया। शनिवार को माघ मेला मंच पर आयोजित संध्या का शुभारंभ नरेन्द्र सिंह नेगी ने जय बदरी केदारनाथ, गंगोत्री जय जय.., नंदा राजरात गीत के साथ की। इसके बाद उन्होंने माछी पाणी सी ज्यू मेरू, फ्यूली बोलूं.., हिमवंत देश होला त्रिज्युगी नारायण.. के साथ ही आई पंचमी मावों की.., जीतू बग्डवाल, सुरख खिड़की खोली.. के साथ ही स्याली रमदेई.. की सुदंर प्रस्तुती दी। जिसे सुनकर पंडाल में बैठे दर्शक अपने स्थान पर ही थिरकते रहे। उनके साथ आये साथी कलाकार अनिल बिष्ट ने चेता चैत्वाली.. गीत की प्रस्तुति देकर समा बांधा और युवाओं को खूब झुमाया। कार्यक्रम के दौरान नेगी ने कहा कि उत्तरकाशी का यह मेला पौराणिक व ऐतितासिक मेला है। जिसमें विभिन्न क्षेत्रों की संस्कृति से रूबरू होने का अवसर स्थानीय लोगों को मिलता है। इस दौरान उनके समर्थकों ने उन्हें स्मृति चिह्न भेंट किए और उनकी कुशलता की कामना की। रविवार को दोपहर को माघ मेले में भारी भीड़ी रही। लोग दूर दराज क्षेत्र से मेला देखने पहुंचे और जमकर खरीदारी की। इस दौरान माघ मेला मंच पर स्थानीय गायक सुरेश नौटियाल, रंजीत कुमार, विजय नेगी, पीके मस्ताना, निधि राणा सहित माध्यमिक विद्यालय के छात्रों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। इस मौके पर जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण, प्रदीप कैंतुरा, मनीष राणा, सुरक्षा रावत, दिनेश भट्ट, मनोज मिनान, डा.उमेश प्रसाद बहुगुणा शैलेन्द्र मटूड़ा, शिव रतन सिंह रावत, राजाराम भट् आदि लोग मौजूद रहे।


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