नभ क्षेत्र ड्रोन करेगा कांवड यात्रा की निगरानी

देहरादून(आरएनएस)। मानूसन के दौरान होने वाली कांवड़ यात्रा की निगरानी नभक्षेत्र ड्रोन के जरिए भी की जाएगी। शुक्रवार को राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण-यूएसडीएमए के एसीईओ आनंद स्वरूप ने आईटी पार्क स्थित स्टेट कंट्रोल रूम समीक्षा बैठक के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य को ड्रोन चालक मिल चुके हैं। कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़ यात्रा मार्ग तथा प्रमुख स्थलों की ड्रोन के जरिए लगातार निगरानी की जाएगी। ड्रोन के जरिये आपदा प्रभावित क्षेत्रों में भूस्खलन, बाढ़ आदि की स्थिति पर भी नजर रखी जा सकेगी।
स्वरूप ने आज कंट्रोल रूम में मानसून की तैयारियों का जायजा लिया। स्वरूप ने कहा कि नभनेत्र अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है। ये रात को भी उड़ान भरने में सक्षम है तथा थर्मल कैमरा के जरिये रात में भी फोटो तथा वीडियो शूट कर सकता है। यूएसडीएमए के कंट्रोल रूम के जरिए इसकी मदद से हर क्षेत्र का आंकलन किया जा सकता है।

उन्होंने आगामी कांवड़ यात्रा को लेकर भी संबंधित जनपदों से उनके स्तर पर की जा रही तैयारियों को लेकर यूएसडीएमए के विशेषज्ञों से चर्चा की। एसीईओ- क्रियान्वयन राजकुमार नेगी ने बताया कि कांवड़ यात्रा को लेकर यूएसडीएमए यात्रा के संचालन के लिए संबंधित जिलों के अधिकारियों के साथ समन्वय बनाए हुए है। इस मौके पर एसईओसी के डे अफसर आईईसी विशेषज्ञ मनीष भगत, विशेषज्ञ रोहित कुमार, डॉ. पूजा राणा, डॉ. वेदिका पंत, हेमंत बिष्ट, जेसिका टेरोन, तंद्रीला सरकार आदि मौजूद थे।

बदरीनाथ एनएच के जोगीधारा भूस्खलन जोन का स्थायी इंतजाम होगा
देहरादून(आरएनएस)। ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर जोगीधारा में बार-बार हो रहे भूस्खलन का स्थायी समाधान तलाशा जा रहा है। एसीईओ स्वरूप ने बताया कि जल्द यूएसडीएमए और यूएलएमएमसी की टीम इस पूरे प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण करेगी। इसका स्थायी उपचार किया जाएगा, जिससे भूस्खलन पर रोक लगाई जा सके। उन्होंने कहा कि जिन भूस्खलन क्षेत्रों में ट्रीटमेंट का कार्य पूर्व में किया जा चुका है, उनकी भी नियमित निगरानी की आवश्यकता है संबंधित विभाग लगातार उन क्षेत्रों का मुआयना करें। यदि किसी स्थान पर मरम्मत की आवश्यकता हो तो तत्काल काम शुरू किया जा सके।