
पौड़ी(आरएनएस)। विशेष सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो) पौड़ी की अदालत ने नाबालिग से दुष्कर्म के दोषी को 20 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने दोषी पर 21 हजार का अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड जमा नहीं किए जाने पर दोषी को छह माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। थाना पैठाणी क्षेत्र में जून 2023 को नाबालिग से दुष्कर्म का मामला सामने आया था। पीड़िता से नवंबर 2022 में दुष्कर्म की घटना हुई थी। सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता विजेंद्र सिंह रावत ने बताया कि थाना पैठाणी पुलिस को बीते 18 जून 2023 को एक किशोरी अपने पिता के साथ थाने आई थी। जहां उन्होंने पुलिस को एक तहरीर सौंपी थी। तहरीर में किशोरी ने बताया था कि गांव के ही एक युवक से मेरा एक साल से प्रेम प्रसंग चल रहा था। बीते 18 नवंबर 2022 को मेरे घर पर कोई नहीं था। घर में मैं अकेली थी, इसी दौरान प्रेमी घर आया और उसने मुझे बहला-फुसलाकर मेरे साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाए। प्रेमी ने विरोध करने व घटना की जानकारी किसी को देने पर परिजनों को जान से मारने की धमकी दी। बताया कि प्रेमी ने इसके बाद भी एक-दो बार जबरन शारीरिक संबंध बनाए, जिससे गर्भवती हो गई। बताया कि 1 मई 2023 को मैं अपनी चाची के घर देहरादून गई। जहां मैंने घटना की जानकारी चाची व बुआ को दी। बुआ ने माता-पिता को यह जानकारी दी। पुलिस ने तहरीर के आधार पर आरोपी युवक के खिलाफ दुष्कर्म, जान से मारने की धमकी व पॉक्सो एक्ट की धारा में मुकदमा दर्ज किया था। आरोपी को 19 जून 2023 को गिरफ्तार कर अदालत के आदेश पर जेल भेज दिया था। किशोरी ने एक बच्चे को जन्म दिया। डीएनए जांच में युवक के बच्चे का जैविक पिता होने की पुष्टि हुई। पुलिस ने 5 जनवरी 2024 अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया। बताया कि विशेष सत्र न्यायाधीश (पॉक्सो) पौड़ी धर्म सिंह की अदालत ने आरोपी राहुल को नाबालिग से दुष्कर्म का दोषी पाया है। अदालत ने दोषी को 20 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। दोषी पर 21 हजार का अर्थदंड लगाया है। अर्थदंड जमा नहीं करने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास की सजा भुगतनी होगी। बताया कि अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत में 14 गवाह पेश किए गए।