
रुद्रपुर (आरएनएस)। हल्द्वानी में निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड की शाखा में लाखों की गड़बड़ी का पर्दाफाश हुआ है। कंपनी की आंतरिक जांच में सामने आया कि ब्रांच ऑपरेशन्स एग्जिक्यूटिव से लेकर मैनेजर तक ने मिलकर निवेशकों के नाम पर करोड़ों की हेराफेरी की। साइबर क्राइम थाना पंतनगर ने शिकायत मिलने पर सात लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और आईटी एक्ट की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
कंपनी के अधिकारी सचित मेहरा ने पुलिस को बताया कि शाखा में तैनात गौरव कुमार गर्ग ने अपने साथियों—रिलेशनशिप मैनेजर योगेश वरुण और ब्रांच मैनेजर विनोद प्रकाश के साथ मिलकर निष्क्रिय पड़े निवेशक खातों को निशाना बनाया। इन लोगों ने सिस्टम एक्सेस और डिजिटल हस्ताक्षरों का गलत इस्तेमाल कर पैन, ईमेल, मोबाइल नंबर और बैंक खातों में फर्जी बदलाव किए। इसके बाद तीन निवेशकों के खातों से फर्जी रिडेम्पशन कर करीब 93 लाख 85 हजार रुपये उड़ाए गए।
जांच में सामने आया कि गौरव गर्ग ने करीब 80 लाख रुपये अपने नियंत्रण वाले खाते में ट्रांसफर किए और फिर यह रकम विभिन्न ज्वेलरी दुकानों में भेज दी। एटीएम और ओटीपी के जरिये उसने अनधिकृत निकासी भी की और कुछ रकम नकद अपने साथियों में बांट दी।
कंपनी ने जुलाई 2024 से अगस्त 2025 के बीच आंतरिक जांच कर पूरी कहानी उजागर की। खुलासा हुआ कि आरोपियों ने निवेशकों की निजी जानकारी के साथ छेड़छाड़ की, फर्जी हलफनामे और बैंक घोषणाएं तैयार कीं और पूरी ठगी को वैध लेनदेन का रूप देने की कोशिश की।
मुख्य आरोपी गौरव गर्ग के साथ मोहित तोमर, रुकमणि, पंकज गर्ग और ओमप्रकाश गुप्ता की भूमिका भी सामने आई है। पुलिस ने सभी के दस्तावेज जब्त कर जांच तेज कर दी है।
साइबर क्राइम थाना प्रभारी अरुण कुमार ने बताया कि सातों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। दस्तावेज़ों की जांच और खातों के सत्यापन के बाद कार्रवाई की जाएगी। पुलिस का कहना है कि यह सिर्फ शुरुआत है, पूरे गिरोह की जड़ें खंगाली जा रही हैं।





