मुखबा से रवाना हुई मां गंगा की उत्सव डोली, 30 अप्रैल को खुलेंगे गंगोत्री धाम के कपाट

उत्तरकाशी (आरएनएस)। मां गंगा की उत्सव डोली मंगलवार को अपने शीतकालीन प्रवास स्थल मुखबा गांव से गंगोत्री धाम के लिए पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ रवाना हो गई। भैरव घाटी स्थित भैरव मंदिर में रात्रि विश्राम के बाद डोली बुधवार सुबह गंगोत्री धाम पहुंचेगी। अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर बुधवार को सुबह 10:30 बजे वैदिक मंत्रोच्चारण और विधि-विधान के साथ गंगोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे।
छह माह तक मुखबा गांव में शीतकालीन प्रवास के बाद मां गंगा की डोली को मंगलवार सुबह विशेष पूजा-अर्चना और आरती के बाद सुसज्जित किया गया। तय मुहूर्तानुसार दोपहर 11:57 बजे गांव के लोगों ने मां गंगा को सवा मन (करीब 50 किलो) का कलेऊ और पारंपरिक पकवान अर्पित कर डोली को विदाई दी। आर्मी बैंड की धुन पर उत्सव डोली मुखबा से गंगोत्री के लिए रवाना हुई।
गंगा डोली यात्रा में मुखबा, धराली, हर्षिल और उपला टकनौर क्षेत्र के ग्रामीणों समेत कई श्रद्धालु शामिल हुए। डोली यात्रा मार्ग में मां गंगा का अल्प विश्राम दुर्गा मंदिर (मार्कण्डेय पुरी) में हुआ। इसके बाद डोली प्राचीन पैदल मार्ग से होते हुए शाम को भैरव घाटी पहुंची, जहां भंडारे और रात्रि जागरण का आयोजन किया गया। यहां पूरी रात भजन-कीर्तन की गूंज रही।
गंगोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल ने बताया कि बुधवार सुबह डोली गंगोत्री धाम पहुंचेगी और विधिवत पूजन-अर्चन के साथ 10:30 बजे मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे। गंगोत्री धाम में देश-विदेश से आए श्रद्धालु इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनेंगे।