माउंटेन फिल्म फेस्टिवल में अंतिम दिन दिखाई चार फिल्में

देहरादून। दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र में आयोजित तीन दिवसीय माउंटेन फिल्म फेस्टिवल के अंतिम दिन दर्शकों को चार विविध विषयों की फिल्में दिखाई गई। जिसे देखने अच्छी संख्या में फिल्म प्रेमी मौजूद रहे। दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र, डॉ. द्विजेन सेन मेमोरियल कला केंद्र व सिनेमामार्ग फिल्म क्लब देहरादून की ओर से आयोजित फेस्टिवल को दर्शकों ने तन्मयता से देखा। फ़िल्म निर्देशक यूसुफ सईद व सामाजिक विचारक बिजू नेगी ने फिल्मों का परिचय व कथानक की जानकारी दी। स्वागत चंद्रशेखर तिवारी ने किया। महोत्सव में पहली फिल्म निर्देशक करिश्मा देव दूबे की ‘बिट्टू’ दिखाई गई। जो दो घनिष्ठ सहेलियों पर केंद्रित है। किसी स्कूल में विषाक्तता की एक दुर्घटना से उनकी दोस्ती पर ग्रहण लग जाता है। यह फिल्म ऑस्कर पुरुस्कार के लिए नामित हुई थी। दूसरी फिल्म ‘किनीबुडी’ का निर्देशक डैनी कुक ने किया। जो नारियल किसानों के जीवन संघर्ष की कहानी है। निर्देशक सेठ बॉएडेन की एन ऑबजेक्ट एट् रेस्ट 6 मिनट की एनीमेशन फिल्म है जिसमें मानव सभ्यता की प्रतिद्वंदिता दिखाई गई। अंत में निर्देशक सुब्रत साहू की ‘हो गई है पीर पर्वत की’ वृत चित्र में सतलुज घाटी में जल विद्युत परियोजना से पर्यावरण पर दुष्परिणाम को दिखाया गया। पर्यावरणविद डॉ.रवि चोपड़ा ने फ़िल्म निर्देशक सुब्रत कुमार साहू से इस फिल्म पर बात भी की। मौके पर डॉ. सविता मोहन, अनिल नौरिया, सुरेश उनियाल, प्रेम पंचोली, अरुण असफल, मनीष ओली, सुंदर सिंह बिष्ट, रामलाल, जेबी गोयल मौजूद रहे।