‘मॉडल बाल वाटिका’ से पूर्व बाल्यावस्था शिक्षा को मिलेगा नया आयाम

अल्मोड़ा। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान अल्मोड़ा में राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) उत्तराखंड के सहयोग से स्थापित ‘मॉडल बाल वाटिका’ का उद्घाटन जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडे द्वारा किया गया। यह पहल पूर्व बाल्यावस्था देखभाल एवं शिक्षा (ईसीसीई) के तहत की गई है, जिसका उद्देश्य तीन से छह वर्ष की आयु वर्ग के बच्चों के लिए गुणवत्तापूर्ण और रुचिकर शिक्षा वातावरण तैयार करना है। डायट के ईसीसीई समन्वयक रमेश सिंह रावत ने बताया कि बाल वाटिका में बच्चों की आयु, रुचि और क्षमता के अनुरूप सीखने-सिखाने की गतिविधियों को क्रियात्मक और रचनात्मक रूप में लागू किया जाएगा। यहां बच्चों को खेलों, कविताओं, कहानियों, गणितीय एवं तार्किक पहेलियों के माध्यम से सीखने का अवसर मिलेगा। बाल वाटिका में बच्चों के लिए इनडोर और आउटडोर खेल सामग्री जैसे लूडो, टेबल टेनिस, झूले, पजल, क्रिकेट, फुटबॉल, वॉलीबॉल, बास्केटबॉल जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। साथ ही व्हाइट बोर्ड, ग्रीन और मैग्नेटिक बोर्ड, चित्र-पुस्तकें और संगीत की व्यवस्था भी की गई है। यहां ‘लर्निंग कॉर्नर’ भी स्थापित किया गया है, जहां बच्चे अपनी पसंद की किताबें पढ़ सकते हैं। बाल वाटिका परिसर में खेल मैदान, फुलवारी और झूलों की भी व्यवस्था की गई है, जो बच्चों को एक अनौपचारिक और आनंददायक वातावरण में सीखने के लिए प्रेरित करेगा। उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्य शिक्षाधिकारी अत्रेश सयाना, डायट प्राचार्य एल.एम. पांडे, नियोजन एवं प्रबंधन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. हेमचंद्र जोशी, खंड शिक्षाधिकारी हरीश रौतेला, खंड शिक्षाधिकारी प्रेमा बिष्ट, समग्र शिक्षा अभियान के समन्वयक नीरज जोशी और प्रदीप बिष्ट सहित डायट के समस्त अकादमिक व गैर-अकादमिक कार्मिक तथा डी.एल.एड. प्रशिक्षु उपस्थित रहे।

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