मिनिस्टीरियल कर्मचारियों के आंदोलन का 16 नवम्बर से आगाज

पदोन्नति में शिथिलता और पुरानी एसीपी का लाभ देने की मांग पूरी न होने से कर्मचारी नाराज

देहरादून(आरएनएस)। उत्तरांचल फैडरेशन आफ मिनिस्टीरियल सर्विसेज एसोसिएशन का आंदोलन गुरुवार से शुरू होने जा रहा है। पदोन्नति में शिथिलता और पुरानी एसीपी का लाभ देने समेत अन्य मांगों के पूरा न होने से नाराज कर्मचारियों ने आंदोलन का ऐलान किया है। एसोसिएशन के अध्यक्ष पूर्णानन्द नौटियाल और महामंत्री मुकेश बहुगुणा ने कहा कि एसोसिएशन के साथ हुआ समझौता अभी तक पूरा नहीं हुआ है। जबकि आश्वासन दिया गया था कि जल्द शासनादेश जारी होगा। मांगे पूरी न होने पर ही कर्मचारी आंदोलन को मजबूर हुए हैं। कर्मचारी 16 नवंबर से आंदोलन के पहले चरण के तहत सांकेतिक गेट मीटिंग करेंगे। काली फिती लगा कर काम करते हुए विरोध जताएंगे। कहा कि 21 सूत्रीय मांग पत्र में एक भी मांग पूरी नहीं की गई है। सबसे अधिक मांग पदोन्नति में पात्रता को शिथिलीकरण की व्यवस्था दोबारा बहाल किए जाने की है। मुख्य प्रशासनिक अधिकारी के पद पर पदोन्नति को पात्रता अवधि कुल 25 वर्ष के स्थान पर 22 वर्ष की जाए। जिन मिनिस्टीरियल कर्मचारियों की 10, 20 और 30 वर्ष की सेवा पर भी पदोन्नति नहीं होती है, उन्हें भी अन्य कार्मिकों की तरह 10, 20 और 30 वर्ष की सेवा पर पहली, दूसरी और तीसरी एमएसीपी का लाभ दिया जाए। मुख्य प्रशासनिक अधिकारी के पद का गजट नोटिफिकेशन जारी किया जाए।
मुख्य प्रशासनिक अधिकारी के पद की गरिमा के अनुरूप कर्तव्य और दायित्व का निर्धारण किया जाए। मिनिस्टीरियल कर्मचारियों की एकरूपता के आधार पर कामन सेवा नियमावली जारी की जाए। सुगम से सुगम को भी पारस्परिक स्थानांतरण में छूट दी जाए। न तो अभी तक शासनादेश जारी किया जा रहा है। उल्टा अब कई मांगों पर पूर्व समझौते के विपरीत जाकर दोबारा परीक्षण की बात की जा रही है। इसे लेकर कर्मचारियों में आक्रोश बढ़ रहा है। कर्मचारियों का फैडरेशन पर प्रदेशव्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल को लेकर दबाव बढ़ रहा है। यदि पहले चरण के आंदोलन के बीच मांगों को पूरा नहीं किया जाता, तो दिसंबर से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू हो जाएगी।

ये है आंदोलन कार्यक्रम:
पहले चरण में 16 नवंबर को गेट मीटिंग होंगी।
कर्मचारी 30 नवंबर तक काला फीता लगा कर काम करेंगे।
दूसरे चरण में सात दिसंबर को सभी जिला मुख्यालयों में धरना दिया जाएगा।
तीसरे चरण में 14 दिसंबर को सभी जिलों में चेतना रैली निकाली जाएगी। डीएम के माध्यम से सीएम को ज्ञापन भेजा जाएगा।
14 दिसंबर के बाद प्रांतीय कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर अनिश्चितकालीन हड़ताल की घोषणा होगी।


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