मानसिक स्वास्थ्य पर कार्यशाला के समापन में प्रतिभागियों ने साझा किए सुखद अनुभव

अल्मोड़ा। सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा के मनोविज्ञान विभाग द्वारा ‘हाउ टू मेंटेन योर मेंटल हेल्थ’ विषयक चार दिवसीय कार्यशाला का सोमवार को समापन हो गया। समापन दिवस पर मुख्य अतिथि प्रो शेखर जोशी ने कहा कि अच्छा चरित्र होना भी अच्छे मानसिक स्वास्थ्य की उत्कृष्टता की निशानी है। अतः मनुष्य को चरित्रवान होना चाहिए। उन्होंने अपनी दिनचर्या को व्यवस्थित रखने पर जोर दिया। कार्यक्रम अध्यक्ष डॉ दीपक सागर ने मानसिक स्वास्थ्य एवं प्रसन्नता को जीवन के लिए महत्वपूर्ण बताया और इसी के साथ प्रसन्नता को बढ़ाने के विभिन्न उपायों को साझा किया। विशिष्ट अतिथि प्रो इला साह पूर्व विभागाध्यक्ष ने कहा कि यह कार्यशाला मानसिक स्वास्थ्य एवं स्व की पहचान के लिए अतिमहत्वपूर्ण रही। शोधार्थी रेनू तिवारी द्वारा स्वीकृति के चरण में प्रतिभागियों को गाइडेड इमेजरी तकनीक का उपयोग करके कल्पना में रहकर शांति और तनाव मुक्त होने का अनुभव कराया गया एवं शारीरिक व मानसिक विश्राम कराया गया। इसके पश्चात विभागाध्यक्ष प्रो मधुलता नयाल द्वारा अगले चरण में विद्यार्थियों को अपने उद्देश्य को स्मार्ट गोल मैथड से पूरा करने के गुर सिखाए तथा पैसेंजर इन द बस, ड्रॉप द रोप जैसे तकनीकों से कैसे विद्यार्थी बिना व्यवधान के अपने लक्ष्य की प्राप्ति कर सकते हैं सिखाया गया। सत्र के अंत में लाफिंग थैरेपी के साथ सत्र का समापन किया गया। इस सत्र के अंत में विभिन्न प्रतिभागियों ने चार दिवसीय कार्यशाला में अपने अपने अनुभव साझा किए। कार्यशाला का संचालन गीतम भट्ट और रजनीश जोशी ने किया। विभाग के डॉ प्रीति टम्टा, डॉ रुचि कक्कड़, डॉ सुनीता कश्यप, डॉ कविता सिजवाली, मीना, डॉ पूजा, सहित शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों ने सहयोग दिया। कार्यक्रम में प्रो बी डी एस नेगी, डॉ गिरीश अधिकारी, डॉ आस्था, डॉ योगेश मैनाली, सहित विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, कर्मचारी, बीएड के प्रशिक्षणार्थी के साथ ही विद्यार्थी शामिल हुए।

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