देश में यूनिकॉर्न की संख्या हुई 100 के पार, ‘मन की बात’ में बोले पीएम मोदी

नई दिल्ली (आरएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ कार्यक्रम के 89वें एपिसोड को संबोधित किया। इस दौरान वो देशवासियों से मिले सुझावों का जिक्र किया। इस दौरान पीएम मोदी ने स्टार्ट अप को लेकर कहा कि देश को स्टार्टअप से नई दिशा मिल रही है। साथ ही कहा कि आगे स्टार्टअप से नई उड़ान देखने को मिलेगी। देश में यूनिकॉर्न की संख्या 100 के पार हो गई है। देश में यूनिकॉर्न की संख्या 100 के पार पहुंच गई है। पिछले कुछ ही दिनों में 14 नए यूनिकॉर्न बने हैं। भारत का स्टार्टअप आगे बढ़ रहा है।
पीएम मोदी ने कहा कि महिला सेल्फ हेल्प ग्रुप बेहतरीन काम कर रही हैं। वह तंजावुर डॉल समेत खिलौने और आर्टिफिशियल ज्वेलरी बना रही हैं। इससे महिलाओं का सशक्तीकरण हो रहा है। पीएम ने लोगों से अपील की कि सेल्फ हेल्प ग्रुप को बढ़ावा दें। इससे आत्मनिर्भर भारत को मजबूती मिलेगी।
पीएम मोदी ने उत्तराखंड के जोशीमठ की रहने वाली छात्रा कल्पना का उदाहरण दिया। कहा कि कल्पना ने हाल ही में कर्नाटक में 10वीं की परीक्षा पास की है। कल्पना को कन्नड़ नहीं आती थी, लेकिन कल्पना ने 3 महीने में कन्नड़ सीख ली। कल्पना को पहले टीबी की बीमारी हुई थी। इतना ही नहीं, जब वह तीसरी कक्षा में थी, तब उनकी आंखों की रौशनी भी चली गई थी। इससे एक भारत श्रेष्ठ भारत की अवधारणा को मजबूती मिलती है।
मन की बात में पीएम मोदी ने चार धाम यात्रा का जिक्र किया। पीएम ने कहा कि कुछ लोगों द्वारा केदारनाथ में फैलाई जा रही गंदगी से श्रद्धालु दुखी हैं। कई लोगों ने गंदगी के ढेर के फोटो सोशल मीडिया पर शेयर किए हैं। हम पवित्र यात्रा में जाएं वहां गंदगी का ढेर हो, ये ठीक नहीं है। लेकिन कुछ श्रद्धालु ऐसे भी हैं, जो बाबा केदार के दर्शन-पूजन के साथ ही स्वच्छता का बीड़ा उठा रहे हैं। पीएम बोले कि तीर्थ सेवा के बिना तीर्थ यात्रा भी अधूरी है।
प्रधानमंत्री ने रुद्रप्रयाग के रहने वाले मनोज बैंजवाल का जिक्र किया। पीएम ने कहा कि वह स्वच्छता की मुहिम चला रहे हैं। वह पिछले 25 साल से पर्यावरण की देखरेख कर रहे हैं। साथ ही पवित्र स्थलों को प्लास्टिक मुक्त करने की मुहिम चला रहे हैं।
पीएम मोदी ने गुप्तकाशी में रहने वाले सुरेंद्र बगवाड़ी के बारे में कहा कि वह गुप्तकाशी में सफाई अभियान चल रहे हैं। उधर, देवर गांव की चंपा देवी महिलाओं को कूड़ा प्रबंधन सिखा रही हैं। साथ ही पौधे रोपने का काम कर रही हैं। लोगों को जागरूक कर रही हैं।