
विकासनगर(आरएनएस)। शारदीय नवरात्र के छठे दिन रविवार को पूरे पछुवादून में भक्तिमय माहौल रहा। मंदिरों, घरों और पंडालों में मां दुर्गा के छठे स्वरूप मां कात्यायनी की विशेष पूजा-अर्चना की गई। बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने सुख-समृद्धि और निरोगी जीवन के लिए आशीर्वाद मांगा। श्रद्धालुओं ने शहद और गुड़ से बने प्रसाद का भोग चढ़ाकर सुख समृद्धि की मन्नत मांगी। शाम होते ही मंदिरों में मां की आरती शुरू हुई, जिससे सभी मंदिर जय माता दी के जयकारों से गूंज उठे। महिलाओं ने ढोलक और झांझ की थाप पर भजन गाकर भक्तिमय वातावरण बनाया। इसके बाद देर रात तक माता का भव्य जागरण आयोजित किया गया, जिसमें स्थानीय कलाकारों और भक्तों ने देवी भजनों की प्रस्तुतियां दीं। जागरण में श्रद्धालु पूरी रात मां की महिमा का गुणगान करते रहे और भोर तक गांव का माहौल भक्तिरस में डूबा रहा। काली माता मंदिर अस्पताल रोड के मुख्य पुजारी मनोज पैन्यूली ने बताया कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मां कात्यायनी का जन्म ऋषि कात्यायन के घर हुआ था। उन्हें सिंह वाहन पर विराजमान और चार भुजाओं वाली तेजस्वी देवी के रूप में पूजा जाता है। ऐसी मान्यता है कि उनकी उपासना से विवाह संबंधी बाधाएं दूर होती हैं और भक्तों को साहस, पराक्रम व आत्मविश्वास की प्राप्ति होती है। बताया कि भागवत पुराण में वर्णन है कि गोपियों ने व्रत कर मां कात्यायनी की पूजा की थी ताकि वे भगवान श्रीकृष्ण को पति रूप में प्राप्त कर सकें। इसलिए आज भी विवाह योग्य कन्याएं शीघ्र विवाह और उत्तम वर की प्राप्ति हेतु कात्यायनी का पूजन करती हैं। मां दुर्गा का यह स्वरूप सिंह पर सवार और चार भुजाओं वाला है। माना जाता है कि मां कात्यायनी की पूजा करने से विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं और घर में सुख-समृद्धि आती है।