लंपी बीमारी पर सरकार अलर्ट, चार दिन में 3131 पशु बीमार

देहरादून। उत्तराखंड में पिछले चार दिनों में लंपी बीमारी ने तेजी से अपना असर दिखाया है। पूरे राज्य में 3131 नए केस सामने आए हैं। बीमारी के बढ़ते असर को देखते हुए राज्य के भीतर और बाहर पशुओं के ट्रांसपोर्टेशन पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है। पशुपालन विभाग के डॉक्टरों समेत अन्य स्टाफ के अवकाश निरस्तर कर दिए गए हैं। इसके साथ ही डॉक्टरों के प्रतिनियुक्ति पर जाने को लेकर भी रोक लगा दी गई है।
विधानसभा में लंपी बीमारी की जानकारी देते हुए पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि अभी तक 1669 पशु ठीक हो गए हैं। कुल 32 पशुओं की मौत हुई है। राज्य में कुल 7.42 लाख पशुओं का टीकाकरण हो चुका है। वैक्सीन की 3.23 लाख डोज अभी मौजूद हैं। 80 हजार डोज का बफर स्टाक मौजूद है। सबसे अधिक असर अल्मोड़ा, बागेश्वर, चंपावत, नैनीताल, पिथौरागढ़ में सबसे अधिक केस सामने आए हैं। गढ़वाल में रुद्रप्रयाग, चमोली और कुछ केस पौड़ी में सामने आए हैं।  संक्रमण तेजी से न फैले, इसके लिए एक महीने के लिए राज्य के भीतर और बाहर पशुओं के ट्रांसपोर्टेशन पर पूरी तरह रोक लगा दी गई है। कुमाऊं क्षेत्र में बीमारी का अधिक असर होने के कारण वहां अतिरिक्त स्टाफ भेजा जा रहा है। गढ़वाल से टीम भेजी गई हैं। पशुपालकों को हर संभव मदद उपलब्ध कराने को टोल फ्री नंबर 1962 और हेल्पलाइन नंबर 18001208862 जारी किया गया है। राज्य में इस समय 17 लाख पशु पंजीकृत हैं। अभी 3.50 लाख पशु ऐसे हैं, जिनका वैक्सीनेशन होना शेष है। एक सप्ताह के भीतर शत प्रतिशत वैक्सीनेशन कराया जाएगा।

पिछली बार 921 पशुओं की हुई थी मौत
सौरभ बहुगुणा ने बताया कि पिछली बार कुल 36223 पशु प्रभावित हुए थे। 35402 पूरी तरह सही हो गए थे। कुल 921 की मौत हुई थी। पूरे उत्तर भारत में बीमारी से निपटने में उत्तराखंड की स्थिति बेहतर रही।

सिर्फ खबरों में बने रहने को धरना दे रहे हरीश रावत
बकाया गन्ना भुगतान को लेकर सौरभ बहुगुणा ने कहा कि पूर्व सीएम हरीश रावत सिर्फ खबरों में बने रहने को धरना दे रहे हैं। दो दिन पहले ही उन्होंने पूरी स्थिति से अवगत कराया था। इकबालपुर चीनी मिल मैनेजमेंट के खिलाफ केस दर्ज कराया है। धरने में भी किसानों की बजाय नेता मौजूद हैं। कांग्रेस के पास कोई मुद्दे नहीं हैं। वो अब किसानों को ढाल बना रही है।