लोक रंग और संगीत की छांव में कत्यूर महोत्सव का भव्य समापन

बागेश्वर। तीन दिवसीय कत्यूर महोत्सव का समापन मंगलवार को रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ हुआ। भकुनखोला खेल मैदान में आयोजित इस महोत्सव की अंतिम रात लोकसंस्कृति और पारंपरिक गीत-संगीत से सराबोर रही।

सोमवार की रात मंच पर जैसे ही माया उपाध्याय, जितेंद्र तुमक्याल, लच्छू पहाड़ी और फौजी गोविंद गोस्वामी जैसे लोकप्रिय लोकगायक पहुंचे, पंडाल तालियों से गूंज उठा। कलाकारों ने ‘क्रीम पाडर’, ‘घिसनी किलै न’ जैसे नॉनस्टॉप कुमाऊंनी गीतों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। संगीत की लहरों में बहे दर्शक खुद को रोक नहीं पाए और जमकर लोकधुनों पर थिरके।

मंगलवार को आयोजित समापन समारोह में दर्जा राज्य मंत्री शिव सिंह बिष्ट और पूर्व सांसद प्रदीप टम्टा ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि कत्यूर महोत्सव केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक विरासत को जीवंत रखने वाला एक महत्वपूर्ण मंच है। उन्होंने कत्यूर घाटी के गौरवशाली इतिहास की चर्चा करते हुए युवाओं से अपनी संस्कृति से जुड़ाव बनाए रखने की अपील की।

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